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4 Mar 2024 · 1 min read

अमृत वचन

नमन मंच
दिन- सोमवार , आज की उत्कृष्ट रचना
***अमृत वचन ***
मात्-पिता की करे जो भक्ति
उसकी हरे गोविंद विपत्ति
मात्- पिता का हो जो बैरी
हो जाए उसका जग बैरी ।
छोड तात , परमपिता को
जो नितदिन शीश नमावे
अहि नर इस जग मे
काहू से सम्मान न पावे ।।
वो सच ही क्या
जो इस दुनियां में
काहू के भी काम न आवे
बढ़कर होता है झूठ भी सच से
जो काहू की जान बचावे ।।।
***दिनेश कुमार गंगवार ***

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 262 Views
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