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1 Mar 2024 · 1 min read

“मैं-मैं का शोर”

“मैं-मैं का शोर”
बाहर शून्य भीतर शून्य
शून्य है चारों ओर,
मैं नहीं हूँ फिर भी क्यों
मुझमें मैं-मैं का शोर।

7 Likes · 3 Comments · 397 Views
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