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1 Mar 2024 · 1 min read

अपना भी एक घर होता,

अपना भी एक घर होता,
समय जहाँ पर थम जाता,
पाँव जहाँ पर रुक जाते,
और
अगर हम थक जाते
नहीं सही मख़मल का ,
एक
साधारण बिस्तर होता
अपना भी एक घर होता।
घर के अंदर की दुनिया,
दुनियाभर से अच्छी है
कोना कहीं सुकून का है
कहीं शांति बसती है
घर में हीं ऐ दोस्त
ज़माने भर की खुशियाँ मिलतीं हैं,
फ़र्श अगर धरती होती,
छत इसका अंबर होता
अपना भी एक घर होता।

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