Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Feb 2024 · 1 min read

जीवित रहने से भी बड़ा कार्य है मरने के बाद भी अपने कर्मो से

जीवित रहने से भी बड़ा कार्य है मरने के बाद भी अपने कर्मो से जीवित रहना।
RJ Anand Prajapati

188 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

पिछले पन्ने 8
पिछले पन्ने 8
Paras Nath Jha
हिंदी की भविष्यत्काल की मुख्य क्रिया में हमेशा ऊँगा /ऊँगी (य
हिंदी की भविष्यत्काल की मुख्य क्रिया में हमेशा ऊँगा /ऊँगी (य
कुमार अविनाश 'केसर'
नारी
नारी
Arvina
It is not what you know makes you successful, but what you d
It is not what you know makes you successful, but what you d
पूर्वार्थ
माटी के रंग
माटी के रंग
Dr. Kishan tandon kranti
बातों में मिठास
बातों में मिठास
Kumar lalit
शीर्षक :वीर हो (उल्लाला छंद)
शीर्षक :वीर हो (उल्लाला छंद)
n singh
दुश्मनों  को  मैं हुकार  भरता हूँ।
दुश्मनों को मैं हुकार भरता हूँ।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
रंग
रंग
आशा शैली
ग़ज़ल __ दुआ देने से दुनिया में, दुआएं कम नहीं होती।
ग़ज़ल __ दुआ देने से दुनिया में, दुआएं कम नहीं होती।
Neelofar Khan
ਐਵੇਂ ਆਸ ਲਗਾਈ ਬੈਠੇ ਹਾਂ
ਐਵੇਂ ਆਸ ਲਗਾਈ ਬੈਠੇ ਹਾਂ
Surinder blackpen
झोली मेरी प्रेम की
झोली मेरी प्रेम की
Sandeep Pande
🙅सुप्रभातम🙅
🙅सुप्रभातम🙅
*प्रणय प्रभात*
होली
होली
Phoolchandra Rajak
तन्हा
तन्हा
Kanchan Advaita
कान्हा
कान्हा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
नीलम शर्मा ✍️
नीलम शर्मा ✍️
Neelam Sharma
इसलिए लिख के
इसलिए लिख के
Dr fauzia Naseem shad
बाईसवीं सदी की दुनिया
बाईसवीं सदी की दुनिया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
राम अवतार
राम अवतार
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
चाय और सिगरेट
चाय और सिगरेट
आकाश महेशपुरी
4931.*पूर्णिका*
4931.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
परिचय
परिचय
Manoj Shrivastava
अध्यात्म
अध्यात्म
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कहीं से निकल जाना
कहीं से निकल जाना
Abhishek Rajhans
दोहा
दोहा
Dr.VINEETH M.C
चित्रकार की खूबसूरती
चित्रकार की खूबसूरती
Ritu Asooja
ना जमीं रखता हूॅ॑ ना आसमान रखता हूॅ॑
ना जमीं रखता हूॅ॑ ना आसमान रखता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
कहते  हैं  रहती  नहीं, उम्र  ढले  पहचान ।
कहते हैं रहती नहीं, उम्र ढले पहचान ।
sushil sarna
तर्कश से बिना तीर निकाले ही मार दूं
तर्कश से बिना तीर निकाले ही मार दूं
Manoj Mahato
Loading...