Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Feb 2024 · 1 min read

क्रांतिकारी किसी देश के लिए वह उत्साहित स्तंभ रहे है जिनके ज

क्रांतिकारी किसी देश के लिए वह उत्साहित स्तंभ रहे है जिनके जलने से रात में भी पूर्ण प्रकाश हो जाता है।
RJ Anand Prajapati

269 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

अपनी शक्तियों का जश्न अवश्य मनाइए परन्तु अपनी कमजोरियों को भ
अपनी शक्तियों का जश्न अवश्य मनाइए परन्तु अपनी कमजोरियों को भ
ललकार भारद्वाज
कभी कभी जिंदगी
कभी कभी जिंदगी
Mamta Rani
तुम्हारे प्रेम का जो हमारा जिंदगी का कमंडल है,
तुम्हारे प्रेम का जो हमारा जिंदगी का कमंडल है,
Babiya khatoon
दिल से सुंदर होना जरूरी है,
दिल से सुंदर होना जरूरी है,
Kanchan Alok Malu
3906.💐 *पूर्णिका* 💐
3906.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दोहा
दोहा
seema sharma
कह्र   ...
कह्र ...
sushil sarna
बेटी शिक्षा
बेटी शिक्षा
Dr.Archannaa Mishraa
धार्मिक स्थलों के झगडे, अदालतों में चल रहे है. इसका मतलब इन
धार्मिक स्थलों के झगडे, अदालतों में चल रहे है. इसका मतलब इन
jogendar Singh
दो घूंट
दो घूंट
संजय कुमार संजू
एक गुजारिश तुझसे है
एक गुजारिश तुझसे है
Buddha Prakash
* थके पथिक को *
* थके पथिक को *
surenderpal vaidya
If you ever need to choose between Love & Career
If you ever need to choose between Love & Career
पूर्वार्थ
"तारीफ़"
Dr. Kishan tandon kranti
तपाक से लगने वाले गले , अब तो हाथ भी ख़ौफ़ से मिलाते हैं
तपाक से लगने वाले गले , अब तो हाथ भी ख़ौफ़ से मिलाते हैं
Atul "Krishn"
मातृदिवस
मातृदिवस
Satish Srijan
जिंदगी
जिंदगी
अखिलेश 'अखिल'
*मेरी व्यथा*
*मेरी व्यथा*
Shashank Mishra
नहीं तेरे साथ में कोई तो क्या हुआ
नहीं तेरे साथ में कोई तो क्या हुआ
gurudeenverma198
होना चाहिए....
होना चाहिए....
Shubham Anand Manmeet
हादसा तो गुज़र गया लेकिन
हादसा तो गुज़र गया लेकिन
Dr fauzia Naseem shad
काश तुम कभी जोर से गले लगा कर कहो
काश तुम कभी जोर से गले लगा कर कहो
शेखर सिंह
बेखुदी में तुमसे
बेखुदी में तुमसे
हिमांशु Kulshrestha
"राज़-ए-इश्क़" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
दिल-शिकन वादा-शिकन
दिल-शिकन वादा-शिकन
*प्रणय प्रभात*
अति व्यस्त समय में से भी....
अति व्यस्त समय में से भी....
Ajit Kumar "Karn"
संतानों का दोष नहीं है
संतानों का दोष नहीं है
Suryakant Dwivedi
मैं पतंग, तु डोर मेरे जीवन की
मैं पतंग, तु डोर मेरे जीवन की
Swami Ganganiya
जो तुम्हारे भीतर,
जो तुम्हारे भीतर,
लक्ष्मी सिंह
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...