Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Feb 2024 · 1 min read

“दो अपना तुम साथ मुझे”

डॉ लक्ष्मण झा परिमल
================================
बढ़ाओ हाथ तुम अपना मुझे साथी बना लो तुम
चलो तुम साथ ही मेरे मुझे हमदम बना लो तुम
सफर कटता कहाँ सबका
अगर कोई साथ में ना हो
लगे मंज़िल की भी दूरी
अगर वो पास अपने हो
बढ़ाओ हाथ तुम अपना मुझे साथी बना लो तुम
चलो तुम साथ ही मेरे मुझे हमदम बना लो तुम
भले होते सदा जग में
किसी के साथ होने से
नहीं चलती कोई नैया
कभी पतवार खोने से
बढ़ाओ हाथ तुम अपना मुझे साथी बना लो तुम
चलो तुम साथ ही मेरे मुझे हमदम बना लो तुम
कोई जब साथ चलकर के
मेरा सुख दुख को बाँटेगा
मुझे फिर गम नहीं कोई
जमाना हम से रूठेगा
बढ़ाओ हाथ तुम अपना मुझे साथी बना लो तुम
चलो तुम साथ ही मेरे मुझे हमदम बना लो तुम
तेरा ही साथ है सबकुछ
नहीं कुछ और ही चाहा
मुझे औरों से क्या लेना
जहाँ अपनों को मैं पाया
बढ़ाओ हाथ तुम अपना मुझे साथी बना लो तुम
चलो तुम साथ ही मेरे मुझे हमदम बना लो तुम
चलेंगे साथ ही मिलके
नयी दुनियाँ बसाएँगे
मिलेंगे ताल सरगम भी
नया कोई धुन बनाएँगे
बढ़ाओ हाथ तुम अपना मुझे साथी बना लो तुम
चलो तुम साथ ही मेरे मुझे हमदम बना लो तुम !!
==============================
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
साउन्ड हेल्थ क्लिनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका ,
झारखंड
भारत
27.02.2024

Language: Hindi
Tag: गीत
225 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

अदा या अदब
अदा या अदब
विजय कुमार अग्रवाल
Love exists or not ?
Love exists or not ?
Abhijeet
तेरी ये बिंदिया
तेरी ये बिंदिया
Akash RC Sharma
चंद्र प्रकाश द्वय:ः मधुर यादें
चंद्र प्रकाश द्वय:ः मधुर यादें
Ravi Prakash
*रंगों का ज्ञान*
*रंगों का ज्ञान*
Dushyant Kumar
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
Ranjeet kumar patre
हवा में उड़ना बंद करो दोस्त ! आप उम्र के उस पड़ाव में हो, आप
हवा में उड़ना बंद करो दोस्त ! आप उम्र के उस पड़ाव में हो, आप
पूर्वार्थ देव
- अरमानों का जलना -
- अरमानों का जलना -
bharat gehlot
दोहा त्रयी. . . . . भाव
दोहा त्रयी. . . . . भाव
sushil sarna
*हो न लोकतंत्र की हार*
*हो न लोकतंत्र की हार*
Poonam Matia
💪         नाम है भगत सिंह
💪 नाम है भगत सिंह
Sunny kumar kabira
होता है ईमान हर इंसान में
होता है ईमान हर इंसान में
gurudeenverma198
लिखा भाग्य में रहा है होकर,
लिखा भाग्य में रहा है होकर,
पूर्वार्थ
कबीरा यह मूर्दों का गांव
कबीरा यह मूर्दों का गांव
Shekhar Chandra Mitra
फ़लक पर स्याह बादल आज गहरे हैं छाये
फ़लक पर स्याह बादल आज गहरे हैं छाये
Madhu Jhunjhunwala
ख्याल
ख्याल
sheema anmol
मैं पुलिंदा हूं इंसानियत का
मैं पुलिंदा हूं इंसानियत का
प्रेमदास वसु सुरेखा
3.बूंद
3.बूंद
Lalni Bhardwaj
एहसास - ए - दोस्ती
एहसास - ए - दोस्ती
Shyam Sundar Subramanian
दुआए
दुआए
Shutisha Rajput
3801.💐 *पूर्णिका* 💐
3801.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
यूँ डरकर मत लौट चलो, इतने करीब आकर।
यूँ डरकर मत लौट चलो, इतने करीब आकर।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ईश्वर नाम रख लेने से, तुम ईश्वर ना हो जाओगे,
ईश्वर नाम रख लेने से, तुम ईश्वर ना हो जाओगे,
Anand Kumar
" *लम्हों में सिमटी जिंदगी* ""
सुनीलानंद महंत
🙅पता चला है🙅
🙅पता चला है🙅
*प्रणय प्रभात*
नदियां
नदियां
manjula chauhan
प्रमाणिका छंद आधारित गीत
प्रमाणिका छंद आधारित गीत
Godambari Negi
खंडर इमारत
खंडर इमारत
Sakhi
।।मैं घड़ी हूं।।
।।मैं घड़ी हूं।।
भगवती पारीक 'मनु'
*मां*
*मां*
Shashank Mishra
Loading...