Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Feb 2024 · 1 min read

बचपन

लौट चलें आओ बचपन में।
माँ की ममता प्यार पिता का मिलता था दोनों आंगन में।।

माँ की गोद पिता का कंधा,
दादी माँ का प्यार था अंधा।
खाना पीना और खेलना,
बस इतना था अपना धंधा।।
छाई थी अपनी ही हस्ती घर हो या बाहर उपवन में।
लौट चलें आओ बचपन में।।

जीत गये तो जिद पर अड़ना,
हार गए तो खूब झगड़ना।
खींच खींच कर माँ का आँचल,
बुरा हाल रो रो कर करना।।
सुनकर डांट पिता की जाकर छुपना माँ के आलिंगन में।
लौट चलें आओ बचपन में।

मैं न हँसु तो माँ रोती थी,
मैं सोऊँ तो माँ सोती थी।
लड़ जाऊँ मैं अगर किसी से,
जीत सदा मेरी होती थी।।
बीत गये कब बचपन के दिन कब सावन बदला अगहन में।
लौट चलें आओ बचपन में।
प्रभु नाथ चतुर्वेदी “कश्यप “

Language: Hindi
1 Like · 231 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

😢गुस्ताख़ कौन?
😢गुस्ताख़ कौन?
*प्रणय प्रभात*
भारत
भारत
sheema anmol
सरोकार
सरोकार
Khajan Singh Nain
ग़ज़ल _ खूब मतवाली , हमारी शायरी है दोस्ती !
ग़ज़ल _ खूब मतवाली , हमारी शायरी है दोस्ती !
Neelofar Khan
ज़िंदगी में कुछ काम करो |
ज़िंदगी में कुछ काम करो |
Saurabh Kumar
सावन-भादो
सावन-भादो
Dr Archana Gupta
फ़ेसबुक पर पिता दिवस / मुसाफ़िर बैठा
फ़ेसबुक पर पिता दिवस / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
Grandma's madhu
Grandma's madhu
Mr. Bindesh Jha
‌ ‌ कविता ( दु:खियारा बच्चा)
‌ ‌ कविता ( दु:खियारा बच्चा)
Mangu singh
सुबह भी तुम, शाम भी तुम
सुबह भी तुम, शाम भी तुम
Writer_ermkumar
*जैन पब्लिक लाइब्रेरी, रामपुर*
*जैन पब्लिक लाइब्रेरी, रामपुर*
Ravi Prakash
" शर्त "
Dr. Kishan tandon kranti
बिन तिरे इक कमी रही बरसों - संदीप ठाकुर
बिन तिरे इक कमी रही बरसों - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
हुए प्रकाशित हम बाहर से,
हुए प्रकाशित हम बाहर से,
Sanjay ' शून्य'
ग़ज़ल...
ग़ज़ल...
आर.एस. 'प्रीतम'
राम प्यारे हनुमान रे।
राम प्यारे हनुमान रे।
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
*नारी के सोलह श्रृंगार*
*नारी के सोलह श्रृंगार*
Dr. Vaishali Verma
वादा
वादा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"मुश्किलें मायने रखती हैं ll
पूर्वार्थ
प्रेम कहानी
प्रेम कहानी
Vibha Jain
दिल से
दिल से
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ललकार की पुकार
ललकार की पुकार
ललकार भारद्वाज
"पुरे दिन का सफर कर ,रवि चला अपने घर ,
Neeraj kumar Soni
4273.💐 *पूर्णिका* 💐
4273.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
पहले जैसी कहाँ बात रही
पहले जैसी कहाँ बात रही
Harminder Kaur
सत्य
सत्य
Mahesh Jain 'Jyoti'
*मैं वर्तमान की नारी हूं।*
*मैं वर्तमान की नारी हूं।*
Dushyant Kumar
*अमृत कुंभ गंगा ऋषिकेश *
*अमृत कुंभ गंगा ऋषिकेश *
Ritu Asooja
तुम्हारा मेरे जीवन में होना
तुम्हारा मेरे जीवन में होना
भगवती पारीक 'मनु'
मिथिला राज्य बनाम राजधानी सीतामढ़ी।
मिथिला राज्य बनाम राजधानी सीतामढ़ी।
Acharya Rama Nand Mandal
Loading...