Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Feb 2024 · 1 min read

हाथ में फूल गुलाबों के हीं सच्चे लगते हैं

हाथ में फूल गुलाबों के हीं सच्चे लगते हैं
चाँद सितारे अंबर पर हीं अच्छे लगते हैं,
खुद ब खुद चेहरे पर आ जाती है इक मुस्कान
इतने सुन्दर, इतने प्यारे बच्चे लगते हैं

1 Like · 308 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shweta Soni
View all

You may also like these posts

बसंत का मौसम
बसंत का मौसम
Pushpa Tiwari
दया के पावन भाव से
दया के पावन भाव से
Dr fauzia Naseem shad
कलम मेरी साथिन
कलम मेरी साथिन
Chitra Bisht
दोहा
दोहा
Sudhir srivastava
संविधान दिवस
संविधान दिवस
Santosh kumar Miri
शीर्षक – वेदना फूलों की
शीर्षक – वेदना फूलों की
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
अर्पण कर दो राम को, बचे हुए सब श्वास।
अर्पण कर दो राम को, बचे हुए सब श्वास।
संजय निराला
चाहे अकेला हूँ , लेकिन नहीं कोई मुझको गम
चाहे अकेला हूँ , लेकिन नहीं कोई मुझको गम
gurudeenverma198
*परिचय*
*परिचय*
Pratibha Pandey
मौत की दस्तक
मौत की दस्तक
ओनिका सेतिया 'अनु '
आ
*प्रणय प्रभात*
माँ भारती के वरदपुत्र: नरेन्द्र मोदी
माँ भारती के वरदपुत्र: नरेन्द्र मोदी
Dr. Upasana Pandey
माँ तुम्हारी गोद में।
माँ तुम्हारी गोद में।
अनुराग दीक्षित
तरही ग़ज़ल
तरही ग़ज़ल
Shailendra Aseem
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह
गीत गाऊ
गीत गाऊ
Kushal Patel
विनम्रता और सम्मान के आगे विरोधी भी नतमस्तक हो जाते है।
विनम्रता और सम्मान के आगे विरोधी भी नतमस्तक हो जाते है।
Rj Anand Prajapati
*अपनी धरती छह ऋतुओं की, इसकी हर छटा निराली है (राधेश्यामी छं
*अपनी धरती छह ऋतुओं की, इसकी हर छटा निराली है (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
"हम भारत के लोग"
Madhu Gupta "अपराजिता"
उड़ने दो
उड़ने दो
Uttirna Dhar
राम का न्याय
राम का न्याय
Shashi Mahajan
महाराणा प्रताप
महाराणा प्रताप
Er.Navaneet R Shandily
एक सरल मन लिए, प्रेम के द्वार हम।
एक सरल मन लिए, प्रेम के द्वार हम।
Abhishek Soni
कल की भाग दौड़ में....!
कल की भाग दौड़ में....!
VEDANTA PATEL
अपने अंदर के कमियों की तलाश कर |
अपने अंदर के कमियों की तलाश कर |
Saurabh Kumar
वह गांव की एक शाम
वह गांव की एक शाम
मधुसूदन गौतम
सच्चा प्रेम
सच्चा प्रेम
Sagar Yadav Zakhmi
मेरे मन के मीत
मेरे मन के मीत
Mamta Rani
दुनियां में मेरे सामने क्या क्या बदल गया।
दुनियां में मेरे सामने क्या क्या बदल गया।
सत्य कुमार प्रेमी
नींद आज नाराज हो गई,
नींद आज नाराज हो गई,
Vindhya Prakash Mishra
Loading...