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25 Feb 2024 · 1 min read

अलिकुल की गुंजार से,

अलिकुल की गुंजार से,
पुष्प हुए भयभीत ।
प्रीत निभाने आ गए,
छलिया बन कर मीत ।।

सुशील सरना / 25-2-24

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