Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Feb 2024 · 1 min read

चलिये उस जहाँ में चलते हैं

चलिये उस जहाँ में चलते हैं
जहाँ रिश्तों का नाम न हो
न हो दिल के धड़कने पर बंदिश कोई
न ख्वाब देखने से कोई इल्ज़ाम हो

हिमांशु Kulshrestha

258 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

"पुरे दिन का सफर कर ,रवि चला अपने घर ,
Neeraj kumar Soni
चलती है उलटीं रित इस जहां में,
चलती है उलटीं रित इस जहां में,
Radha Bablu mishra
Watch who is there for you even when the birds have gone sil
Watch who is there for you even when the birds have gone sil
पूर्वार्थ
क्या तुम्हें लगता है कि
क्या तुम्हें लगता है कि
gurudeenverma198
एक दूसरे से उलझकर जो बात नहीं बन पाता,
एक दूसरे से उलझकर जो बात नहीं बन पाता,
Ajit Kumar "Karn"
3622.💐 *पूर्णिका* 💐
3622.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हादसे  तो  गुज़रते  रहते   हैं
हादसे तो गुज़रते रहते हैं
Dr fauzia Naseem shad
आ थू
आ थू
Acharya Rama Nand Mandal
माँ
माँ
Shailendra Aseem
शिक्षित लोग
शिक्षित लोग
Raju Gajbhiye
कृष्णा बनकर कान्हा आये
कृष्णा बनकर कान्हा आये
Mahesh Tiwari 'Ayan'
क्रोध
क्रोध
Mangilal 713
एक दीप हर रोज जले....!
एक दीप हर रोज जले....!
VEDANTA PATEL
🙅आज का मत🙅
🙅आज का मत🙅
*प्रणय प्रभात*
विषय:आदमी सड़क पर भूखे पड़े हैं।
विषय:आदमी सड़क पर भूखे पड़े हैं।
Priya princess panwar
माँ सच्ची संवेदना...
माँ सच्ची संवेदना...
डॉ.सीमा अग्रवाल
पद्मावती छंद विधान सउदाहरण
पद्मावती छंद विधान सउदाहरण
Subhash Singhai
साथ तुम्हारा छुटा कुछ दिन ,अब तेरे बिन रह ना सकेंगे !
साथ तुम्हारा छुटा कुछ दिन ,अब तेरे बिन रह ना सकेंगे !
DrLakshman Jha Parimal
आसमां का वजूद यूं जमीं से है,
आसमां का वजूद यूं जमीं से है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तेरी यादों का
तेरी यादों का
हिमांशु Kulshrestha
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
ARPANA singh
आदमी के हालात कहां किसी के बस में होते हैं ।
आदमी के हालात कहां किसी के बस में होते हैं ।
sushil sarna
*चालू झगड़े हैं वहॉं, संस्था जहॉं विशाल (कुंडलिया)*
*चालू झगड़े हैं वहॉं, संस्था जहॉं विशाल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
शॉल (Shawl)
शॉल (Shawl)
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
प्रकृति को जो समझे अपना
प्रकृति को जो समझे अपना
Buddha Prakash
हे भगवन यूं ही गुजर जाएं पल।
हे भगवन यूं ही गुजर जाएं पल।
जय लगन कुमार हैप्पी
बस यूं ही
बस यूं ही
विकास शुक्ल
प्रेम की इंतहा
प्रेम की इंतहा
इंजी. संजय श्रीवास्तव
यूं कठिन राह कोई ना चुनता मगर– राम गीत।
यूं कठिन राह कोई ना चुनता मगर– राम गीत।
Abhishek Soni
31/05/2024
31/05/2024
Satyaveer vaishnav
Loading...