Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

आज मैने तुमको कुछ इस तरह याद फरमाया…

आज मैने तुमको कुछ इस तरह याद फरमाया…
दो कुर्सियों को आमने सामने लगाया ।
एक पर खुद बैठा…
दूसरे पर तुम्हारी यादों को बैठाया।
फिर एक कप चाय के दो हिस्से किए …
आधा खुद से पिया और आधा तुम्हारी यादों ने पिलाया ।
फिर एक गीत दोहराया…
जो अक्सर हम तुम चाय के बाद गुनगुनाया करते थे…
” तेरा मुझसे है पहले का नाता कोई….”

Language: Hindi
181 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

आश भरी ऑखें
आश भरी ऑखें
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
दहेज मांग
दहेज मांग
Anant Yadav
" वोट "
Dr. Kishan tandon kranti
💐तेरे मेरे सन्देश-2💐
💐तेरे मेरे सन्देश-2💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"मन की खुशी "
DrLakshman Jha Parimal
.
.
Shweta Soni
गुरुवर डे (शिक्षक दिवस)
गुरुवर डे (शिक्षक दिवस)
जय लगन कुमार हैप्पी
■शिक्षक दिवस (05 सितंबर)■
■शिक्षक दिवस (05 सितंबर)■
*प्रणय प्रभात*
If he could do it, so can you.
If he could do it, so can you.
पूर्वार्थ
शीत
शीत
Mahesh Tiwari 'Ayan'
एक दूसरे से उलझकर जो बात नहीं बन पाता,
एक दूसरे से उलझकर जो बात नहीं बन पाता,
Ajit Kumar "Karn"
स्वाधीनता के घाम से।
स्वाधीनता के घाम से।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
हे छंद महालय के स्वामी, हम पर कृपा करो।
हे छंद महालय के स्वामी, हम पर कृपा करो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Rashmi Sanjay
दहि गइल घरिया
दहि गइल घरिया
आकाश महेशपुरी
बस यूँ ही
बस यूँ ही
Neelam Sharma
4261.💐 *पूर्णिका* 💐
4261.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मैं उनकी ज़फाएं सहे जा रहा हूॅं।
मैं उनकी ज़फाएं सहे जा रहा हूॅं।
सत्य कुमार प्रेमी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
राम मंदिर
राम मंदिर
Sanjay ' शून्य'
बिटिया
बिटिया
Dr. Bharati Varma Bourai
एक बावला सा लड़का
एक बावला सा लड़का
Akash RC Sharma
Compromisation is a good umbrella but it is a poor roof.
Compromisation is a good umbrella but it is a poor roof.
GOVIND UIKEY
बनकर हवा का झोंका तेरे शहर में आऊंगा एक दिन,
बनकर हवा का झोंका तेरे शहर में आऊंगा एक दिन,
डी. के. निवातिया
नैसर्गिक जो भी रहे, कर्म दिये सम्मान।
नैसर्गिक जो भी रहे, कर्म दिये सम्मान।
संजय निराला
सही गलत की पहचान करना सीखें
सही गलत की पहचान करना सीखें
Ranjeet kumar patre
ग़ज़ल _ महकती जब ये मिट्टी प्यार की नींदें उड़ाती है ,
ग़ज़ल _ महकती जब ये मिट्टी प्यार की नींदें उड़ाती है ,
Neelofar Khan
चिराग आया
चिराग आया
Pratibha Pandey
देह और ज्ञान
देह और ज्ञान
Mandar Gangal
नित नई तलाश में
नित नई तलाश में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...