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22 Feb 2024 · 1 min read

एहसास

एहसास परोस देता है
हर शख्स ज़ुबां की थाली में
अपने-अपने दुख की तरकारी
तेज़ मसालों के संग
ताम-झाम से अलंकृत भाजी
कभी कभी, तानों के तेज नमक से
कड़वी सी लगती है
कानों में घुलता अहसासों का मीठा ज़हर
सीसे की तरह पिघलता और
जमता दिल पर
पीने की प्यास कड़वे घूँटों में बुझ जाती है
मीठा चखने की तमन्ना
दिल में रह जाती है……..।

Language: Hindi
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