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22 Feb 2024 · 1 min read

गुरु

गुरु

कुछ ही गुज़री है उम्र
जीवन का सार अभी बाकी है ।

संवारा है कितनो का भविष्य
ना जाने कितनो को सन्मार्ग दिखाना अभी बाकी है ।

हर कर सारे अवगुण
गुणों का संसार बसाना अभी बाकी है ।

सवालों के महासागर से।
समाधानों की गागर झलकाना अभी बाकी है ।

मां सी ममता की छाया
पिता के गुरुर का प्रतिबिम्ब देखना अभी बाकी है ।

राह तो दिखा दी उसने
मंजिल पाना अभी बाकी है ।

साँचा तो तैयार है
बस ढलना अभी बाकी है ।

गुरु तो रत्नो की वो खान है
जिमसे से ज्ञानरुपी नवरत्न खोजना अभी बाकी है ।

शिक्षा अभी बाकी है गुरु का सम्मान अभी बाकी है
गुरु पहचान अभी बाकी है गुरु नाम अभी बाकी है ।

कर लो मान गुरु का
जीवन उद्धार अभी बाकी है ।

– रुपाली भारद्वाज

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