Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

आयना

आयना

शख्सियत को पहचानता आयना
रूप को संवारता आयना
आत्मविश्वास बढ़ाता आयना
पारदर्शिता का रूप आयना
सच का स्वरुप आयना
गहनता से तुम देखो आयना
फिर हो जाओ तुम खुद आयना
देख कर तुम्हारा रूप आयना
लोग भी हो जाये आयना

आयने मे मेहफूज़ आयना
जैसे इंसान का इंसान से सामना
आयने में फिर कहाँ आयना
हर इंसान में दिखता आयना
समझो तो तुम हो एक आयना
आयना से फिर करना सामना
इंसान का इंसान से सामना
जीवन हमारा एक आयना !

-रुपाली भारद्वाज

Language: Hindi
1 Like · 233 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Roopali Sharma
View all

You may also like these posts

शीर्षक – वेदना फूलों की
शीर्षक – वेदना फूलों की
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
मेरी जान बस रही तेरे गाल के तिल में
मेरी जान बस रही तेरे गाल के तिल में
Devesh Bharadwaj
जाने कैसी इसकी फ़ितरत है
जाने कैसी इसकी फ़ितरत है
Shweta Soni
यह ज़िंदगी गुज़र गई
यह ज़िंदगी गुज़र गई
Manju Saxena
एक लड़की की कहानी (पार्ट2)
एक लड़की की कहानी (पार्ट2)
MEENU SHARMA
"सपने तो"
Dr. Kishan tandon kranti
दूहौ
दूहौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
तुम्हारे स्वप्न अपने नैन में हर पल संजोती हूँ
तुम्हारे स्वप्न अपने नैन में हर पल संजोती हूँ
Dr Archana Gupta
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
हमसफर ❤️
हमसफर ❤️
Rituraj shivem verma
" मिलन की चाह "
DrLakshman Jha Parimal
अपने सपनों के लिए
अपने सपनों के लिए
हिमांशु Kulshrestha
दर्द तड़प जख्म और आँसू
दर्द तड़प जख्म और आँसू
Mahesh Tiwari 'Ayan'
आवाज़
आवाज़
Adha Deshwal
kanhauli estate - Ranjeet Kumar Shukla
kanhauli estate - Ranjeet Kumar Shukla
हाजीपुर
प्यार हमें
प्यार हमें
SHAMA PARVEEN
आचार्या पूनम RM एस्ट्रोसेज
आचार्या पूनम RM एस्ट्रोसेज
कवि कृष्णा बेदर्दी 💔
सज गई अयोध्या
सज गई अयोध्या
Kumud Srivastava
मुलभुत प्रश्न
मुलभुत प्रश्न
Raju Gajbhiye
बेरंग होते रंग
बेरंग होते रंग
Sarla Mehta
3683.💐 *पूर्णिका* 💐
3683.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
गजब है उनकी सादगी
गजब है उनकी सादगी
sushil sarna
चाय-कॉफी की अदालत
चाय-कॉफी की अदालत
AJAY AMITABH SUMAN
*मंगल मिलन महोत्सव*
*मंगल मिलन महोत्सव*
*प्रणय*
उस के धागों में दिल के ख़ज़ाने निहाँ
उस के धागों में दिल के ख़ज़ाने निहाँ
पूर्वार्थ
*राम तुम्हारे शुभागमन से, चारों ओर वसंत है (गीत)*
*राम तुम्हारे शुभागमन से, चारों ओर वसंत है (गीत)*
Ravi Prakash
*****खुद का परिचय *****
*****खुद का परिचय *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
विचार और भाव-2
विचार और भाव-2
कवि रमेशराज
कच कच कच कच बोले सन
कच कच कच कच बोले सन
आकाश महेशपुरी
52.....रज्ज़ मुसम्मन मतवी मख़बोन
52.....रज्ज़ मुसम्मन मतवी मख़बोन
sushil yadav
Loading...