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22 Feb 2024 · 1 min read

वृक्ष महिमा

पीपल नीम अर खेजड़ी,
वटवृक्ष भी होता खास।
आक्सीजन व लकड़ी दे,
छाया में करावै निवास।।

अमरलोक से ये परगटे,
सबको स्वास्थ्य देवण देव।
वेद-शास्त्र गुण पावै नहीं,
जन्म जन्म वृक्ष करै सेव।।

करबद्ध शीश झुका करूं,
नवण प्रणाम मैं शत बार।
ईष्टदेव बाबा जम्भेश्वर कहै,
लिया परहित वृक्ष अवतार।।

फूल फल दे वृक्ष वर्षा ल्यावै,
‘पृथ्वीसिंह’ धरा हो हरियाली।
जीवन स्वस्थ हैं रखते सबका,
घर आँगन आती खुशहाली।।

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