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22 Feb 2024 · 1 min read

क्या पता?

जिंदगी से लड़ रहे जो
कर्म से हर दफा ।
हार हो या जीत हो
कल का क्या पता ।।1।।

दूरियां दूरियों से दूर है
मंजिल भी लापता ।
आज जितने दूर हो
कल का क्या पता ।।2।।

खुद से लड़ रहे हैं खुद
खुद का क्या पता ।
आज घर हो ना हो
कल का क्या पता ।।3।।

रिश्तो का तुम साथ दो
वक्त का क्या पता ।
आज तुम्हारे साथ है
कल का क्या पता ।।4।।

समर्पण ही प्रेम है
मिले ना मिले इसकी रजा ।
आज हम तेरे हैं
कल का क्या पता ।।5।।

श्रृंगार भी एक रूप है
भाग्य का क्या पता ।
आज मित्र–मित्र है
कल का क्या पता।।6।।

Language: Hindi
2 Likes · 246 Views
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