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22 Feb 2024 · 1 min read

जीवन की आपाधापी में, न जाने सब क्यों छूटता जा रहा है।

जीवन की आपाधापी में, न जाने सब क्यों छूटता जा रहा है।
कुछ पाने की चाह में, न जाने क्यों सब छूटता जा रहा है।

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