Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Feb 2024 · 1 min read

*** पुद्दुचेरी की सागर लहरें…! ***

” पुद्दुचेरी के तट पर बैठा आवारा मन…
देखता नजर नीला आसमान…!
कानों में शोर मचाते हवाओं के जोर..
और विभिन्न विचारों के हिलोर…!
फिर देखा मैंने, सागर के उन लहरों को…
जो हवाओं के साथ लहराती…!
कभी इठलाती, मचलती और…
हो जाती वो शांत अनायास…!
कभी करती भरसक प्रयास…
छु लेने असीम अनंत आकाश…!
कभी कलकल, स्वर-मधुर…
गाती शायद ,जीवन जीने की कुछ गीत…!
फिर टकरा जाती सागर तट से…
मुझसे मिल शायद वो..
कुछ कहना चाहती थी, जीवन की रीत…!
और पुनः लौट जाती ये तरंग…
अपने सहगामी लहरों संग…!
यह पुनरावृत्त…
देखे कई बार, मेरे आंखों ने…!
अहसास किए मेरे विचारों ने…!!
गिरना, उठना, फिर गिरना…
एक बार नहीं, अनेक बार..!
टकराना, संभलना, फिर चलना…
और अनवरत कायम रखना अपनी चाल..!
यही कहना चाहती थी शायद…
ये सागर की लहरें…!!

************∆∆∆***********

Language: Hindi
558 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from VEDANTA PATEL
View all

You may also like these posts

दीपावली
दीपावली
Dr Archana Gupta
ज़िन्दगी की उलझनों के सारे हल तलाश लेता
ज़िन्दगी की उलझनों के सारे हल तलाश लेता
Dr fauzia Naseem shad
न घमण्ड में रहो, न गुरुर में रहो
न घमण्ड में रहो, न गुरुर में रहो
इशरत हिदायत ख़ान
जीवनसाथी अच्छा होना चाहिए,
जीवनसाथी अच्छा होना चाहिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
साल 2024… लीप ईयर के बजाय पेपर लीक ईयर के नाम से क्यों जाना
साल 2024… लीप ईयर के बजाय पेपर लीक ईयर के नाम से क्यों जाना
Shakil Alam
हेच यश आहे
हेच यश आहे
Otteri Selvakumar
सिंदूर 🌹
सिंदूर 🌹
Ranjeet kumar patre
पहले अपने रूप का,
पहले अपने रूप का,
sushil sarna
सत्य को पहचान
सत्य को पहचान
Seema gupta,Alwar
सुख क्या है?
सुख क्या है?
पूर्वार्थ देव
*हम किसी से कम नहीं*
*हम किसी से कम नहीं*
Dushyant Kumar
हकीकत
हकीकत
dr rajmati Surana
शीर्षक - सोच और उम्र
शीर्षक - सोच और उम्र
Neeraj Kumar Agarwal
प्रतिक्रांति के दौर में
प्रतिक्रांति के दौर में
Shekhar Chandra Mitra
चंचल मन चित-चोर है , विचलित मन चंडाल।
चंचल मन चित-चोर है , विचलित मन चंडाल।
Manoj Mahato
*दिव्य दृष्टि*
*दिव्य दृष्टि*
Rambali Mishra
..
..
*प्रणय प्रभात*
लहू का कारखाना
लहू का कारखाना
संतोष बरमैया जय
कौन हो तुम मेरे?
कौन हो तुम मेरे?
Jyoti Roshni
When nothing works in life, keep working.when everything see
When nothing works in life, keep working.when everything see
पूर्वार्थ
एक बार टूटा हुआ भरोसा
एक बार टूटा हुआ भरोसा
लक्ष्मी सिंह
रिश्तों की बाजार में, अर्थ बना भगवान।
रिश्तों की बाजार में, अर्थ बना भगवान।
संजय निराला
स्वयं को चरित्रवान बनाना अपने हाथ में है और आसान भी है
स्वयं को चरित्रवान बनाना अपने हाथ में है और आसान भी है
Paras Nath Jha
" खुशी में डूब जाते हैं "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
मोनालिसा
मोनालिसा
Dr. Kishan tandon kranti
कितने पन्ने
कितने पन्ने
Satish Srijan
नव वर्ष क्यू मनाते हो
नव वर्ष क्यू मनाते हो
Satyaveer vaishnav
Call and notification will vibrate ,it will happen when you
Call and notification will vibrate ,it will happen when you
Nishant prakhar
कुम्भाभिषेकम्
कुम्भाभिषेकम्
मनोज कर्ण
उसके आँसू
उसके आँसू
Sudhir srivastava
Loading...