Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Feb 2024 · 1 min read

किताबे पढ़िए!!

किताबे पढ़िए!!

खुद को बैचेन करने के लिए पढ़िए,
शासन से सवाल करने के लिए पढ़िए,,
जो हो चुका उसे बेहतर करने के लिए पढ़िए,
जो हो सके उसे करने के लिए पढ़िए..

शब्द को अर्थ देने के लिए पढ़िए,
जीवन छंद को झंकृत करने के लिए पढ़िए,,
उपमान को उपमेय से पूर्ण करने के लिए पढ़िए,
नीरस सांस को सरस करने के लिए पढ़िए..

कुछ यूं पढ़िए जैसे के आप सांस लेते हैं!
खालीपन भरने के लिए पढ़िए,जिंदा रहने के लिए पढ़िए…!!

290 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

बहू नहीं, बेटी
बहू नहीं, बेटी
Chitra Bisht
जितने लगाए तुमने हम पर इल्जामात ,
जितने लगाए तुमने हम पर इल्जामात ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
आधा अधूरा सा,थकान भरा तन,
आधा अधूरा सा,थकान भरा तन,
Seema gupta,Alwar
"हर राह पर खड़ा होगा तेरी हिफाजत करने वाला
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
-कलयुग में सब मिलावटी है -
-कलयुग में सब मिलावटी है -
bharat gehlot
अरे ओ हसीना तू
अरे ओ हसीना तू
gurudeenverma198
बुंदेली दोहा - दुगइ (दालान)
बुंदेली दोहा - दुगइ (दालान)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
किशोरावस्था : एक चिंतन
किशोरावस्था : एक चिंतन
Shyam Sundar Subramanian
$ग़ज़ल
$ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
माँ बाप खजाना जीवन का
माँ बाप खजाना जीवन का
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय प्रभात*
साहित्य जिंदगी का मकसद है
साहित्य जिंदगी का मकसद है
हरिओम 'कोमल'
उलफ़त को लगे आग, गिरे इश्क पे बिजली
उलफ़त को लगे आग, गिरे इश्क पे बिजली
पूर्वार्थ
महाराजा अग्रसेन, प्राचीन अग्रोहा और अग्रवाल समाज
महाराजा अग्रसेन, प्राचीन अग्रोहा और अग्रवाल समाज
Ravi Prakash
नाना भांति के मंच सजे हैं,
नाना भांति के मंच सजे हैं,
Anamika Tiwari 'annpurna '
रिश्ते
रिश्ते
राकेश पाठक कठारा
मैं दौड़ता रहा तमाम उम्र
मैं दौड़ता रहा तमाम उम्र
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
माँ मुझे विश्राम दे
माँ मुझे विश्राम दे
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
*मित्रता*
*मित्रता*
Rambali Mishra
मुस्कुराना सीखिए
मुस्कुराना सीखिए
साहित्य गौरव
मच्छर
मच्छर
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मुक्तक –  अंत ही आरंभ है
मुक्तक – अंत ही आरंभ है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
तुम अगर साथ हो तो...
तुम अगर साथ हो तो...
TAMANNA BILASPURI
चुनाव
चुनाव
Shashi Mahajan
हर सिम्त दोस्ती का अरमान नहीं होता ।
हर सिम्त दोस्ती का अरमान नहीं होता ।
Phool gufran
"नींद से जागो"
Dr. Kishan tandon kranti
हँसी!
हँसी!
कविता झा ‘गीत’
अर्थ रार ने खींच दी,
अर्थ रार ने खींच दी,
sushil sarna
नहीं लूट लेगी पारो
नहीं लूट लेगी पारो
Ramji Tiwari
कान्हा जन्मोत्सव
कान्हा जन्मोत्सव
श्रीहर्ष आचार्य
Loading...