Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Feb 2024 · 1 min read

तुम यानी मैं

तुम, यानि मैं।
कुछ कहना
तो आहिस्ते से कहना
खुदा से कभी दो लफ्ज़ भी ।

कोई नहीं, मगर खुदा सुनता है
हर वो ख्याल
जो मन ही मन बुदबुदाते हो तुम,
किसी से जाहिर नहीं करते
मगर फुसफुसाते हो तुम।
कभी घुटते हो अन्दर ही अन्दर
कभी खुश होते हो, जैसे खुला समन्दर।
कभी दुखी हो जाते हो बरसात की तरह
कभी चुप हो जाते हो समझदार की तरह।
कभी बातों की तो लड़ीयां लगाते हो,
कभी खामोश अनजान रह जाते हो ।
तन्हा इक लम्हा भी खोजते हो
तकदीर को तुम बार बार कौसते हो ।
कभी हौसलों को बाँध,
खुद ही तोड़ते हो,
हार गया हूँ मैं,
ये भी कहते हो ।

फिर खफा हो जाते हो, खुदा से तुम
क्योंकि अनजान नहीं हैं वो,
मगर क्यों है गुमसुम ?
ना कुछ कहता है, ना कभी आता है,
परेशां मुझको ना कभी हँसता है ।
छोड़ दिया है अकेला इस शहर में
हो गया हूँ बेकस सबकी नज़र में,
मन ही मन एक सवाल उठता है
खुद ही जवाब ढूंढता हूँ,
और एक मलाल रह जाता है ।

कि शायद कभी तो सुने
आ मेरे पास बैठे,
तो कहूँ मैं हाल-ए-दिल अपने,
मगर तब तक.
तुम, यानी मैं
कुछ कहना
तो आहिस्ते से कहना
खुद से कभी दो लफ्ज़ भी,
क्योंकि कोई नहीं
मगर खुदा तो सुनता है ।

Language: Hindi
192 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

..
..
*प्रणय प्रभात*
मया के खजाना
मया के खजाना
डिजेन्द्र कुर्रे
ह्रदय की पीड़ा से
ह्रदय की पीड़ा से
Dr fauzia Naseem shad
राधा रानी
राधा रानी
Mamta Rani
सच का राही
सच का राही
Rambali Mishra
पर्यावरण संरक्षण*
पर्यावरण संरक्षण*
Madhu Shah
दिल से कह देना कभी किसी और की
दिल से कह देना कभी किसी और की
शेखर सिंह
शायद ...
शायद ...
हिमांशु Kulshrestha
हर पल तलाशती रहती है नज़र,
हर पल तलाशती रहती है नज़र,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"मुसाफिर"
Dr. Kishan tandon kranti
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बादल बरखा कब लाओगे
बादल बरखा कब लाओगे
जगदीश शर्मा सहज
दुशासन वध
दुशासन वध
Jalaj Dwivedi
पहलगाम: सन्नाटा भी चीख पड़ा
पहलगाम: सन्नाटा भी चीख पड़ा
अरशद रसूल बदायूंनी
उसपे अपने शब्द व्यर्थ न किए जाए।
उसपे अपने शब्द व्यर्थ न किए जाए।
Kanchan Alok Malu
मेरा दिल
मेरा दिल
SHAMA PARVEEN
मौलिक विचार
मौलिक विचार
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
बहुत भूत भविष्य वर्तमान रिश्ते प्रेम और बाकी कुछ भी सोचने के
बहुत भूत भविष्य वर्तमान रिश्ते प्रेम और बाकी कुछ भी सोचने के
पूर्वार्थ
रात का तो है बस मुहँ काला।
रात का तो है बस मुहँ काला।
Priya princess panwar
*यह समय के एक दिन, हाथों से मारा जाएगा( हिंदी गजल/गीतिका)*
*यह समय के एक दिन, हाथों से मारा जाएगा( हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कई बार अंधकार इतना गहरा होता है कि खुद जुगनू बनना तो दूर कही
कई बार अंधकार इतना गहरा होता है कि खुद जुगनू बनना तो दूर कही
SATPAL CHAUHAN
कुछ लोग यूँ ही बदनाम नहीं होते...
कुछ लोग यूँ ही बदनाम नहीं होते...
मनोज कर्ण
मानव जीवन की एक-एक स्वास् बहुत कीमती है अच्छे इंसानों का निर
मानव जीवन की एक-एक स्वास् बहुत कीमती है अच्छे इंसानों का निर
ललकार भारद्वाज
4197💐 *पूर्णिका* 💐
4197💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बैठे हो क्यों रूठ कर,
बैठे हो क्यों रूठ कर,
sushil sarna
एक पिता की पीर को, दे दो कुछ भी नाम।
एक पिता की पीर को, दे दो कुछ भी नाम।
Suryakant Dwivedi
हमारे गीत ये सुनकर
हमारे गीत ये सुनकर
gurudeenverma198
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
Sushil Pandey
जिंदगी देने वाली माँ
जिंदगी देने वाली माँ
shabina. Naaz
Loading...