Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Feb 2024 · 1 min read

# वो खत#

तुम्हारा खत और वो कार्ड
आज भी मेरी डायरी में
महफूज़ है खुशनुमा यादों के साथ
जो तुमने मुझे पहली बार भेजा था,

कैसे भूल सकती हूं तुम्हारे भेजे
उस कार्ड का प्यारा सा पैगाम
जिसे पढ़कर खुशी से भीग गई थी
मेरी आंखों की कोर

मेरे लिए वो एक कार्ड नहीं था
उसमें था तुम्हारे प्यार का अहसास
कुछ उम्मीदें, कुछ कामनाएं,
जो जन्मी थीं तुमसे मिलने के बाद,

तुम बेशक छोड़ गए मुझे अकेला
मुझे मेरी यादों और सपनों के साथ,
पर मैं कहां भूल पाई तुम्हें अब तक
तुम्हारा भेजा ये कार्ड और खत
इकतरफा गवाह हैं मेरे प्यार के….

Language: Hindi
114 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Madhavi Srivastava
View all

You may also like these posts

** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
भरोसा
भरोसा
Mansi Kadam
इजाज़त
इजाज़त
Shweta Soni
" एक थी बुआ भतेरी "
Dr Meenu Poonia
अधूरा प्रयास
अधूरा प्रयास
Sûrëkhâ
क़ज़ा के नाम पैगाम .. (गज़ल)
क़ज़ा के नाम पैगाम .. (गज़ल)
ओनिका सेतिया 'अनु '
“मौन नहीं कविता रहती है”
“मौन नहीं कविता रहती है”
DrLakshman Jha Parimal
मुझे बेज़ार करने के उसे भी ख़्वाब रहते हैं
मुझे बेज़ार करने के उसे भी ख़्वाब रहते हैं
अंसार एटवी
शीर्षक -एक मुलाकात आज ही कर लो।
शीर्षक -एक मुलाकात आज ही कर लो।
shashisingh7232
- वो दुपट्टे वाली लड़की -
- वो दुपट्टे वाली लड़की -
bharat gehlot
फागुन के रंग—प्रेम और उमंग:—
फागुन के रंग—प्रेम और उमंग:—
Kunwar kunwar sarvendra vikram singh
कविता
कविता
Nmita Sharma
कलियुग है
कलियुग है
Sanjay ' शून्य'
Can I hold your hand- एक खूबसूरत एहसास
Can I hold your hand- एक खूबसूरत एहसास
komalagrawal750
$ग़ज़ल
$ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
Family.
Family.
Priya princess panwar
बदलते वख़्त के मिज़ाज़
बदलते वख़्त के मिज़ाज़
Atul "Krishn"
एहसान
एहसान
Kshma Urmila
*वो खफ़ा  हम  से इस कदर*
*वो खफ़ा हम से इस कदर*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*पीठ पर होदा
*पीठ पर होदा
*प्रणय प्रभात*
"कठपुतली"
Dr. Kishan tandon kranti
You may not get everything that you like in your life. That
You may not get everything that you like in your life. That
पूर्वार्थ
खींच रखी हैं इश्क़ की सारी हदें उसने,
खींच रखी हैं इश्क़ की सारी हदें उसने,
शेखर सिंह
दिल धड़कता है मेरा,
दिल धड़कता है मेरा,
लक्ष्मी सिंह
बेटियां ज़ख्म सह नही पाती
बेटियां ज़ख्म सह नही पाती
Swara Kumari arya
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
हर गली में ये मयकदा क्यों है
हर गली में ये मयकदा क्यों है
प्रीतम श्रावस्तवी
4667.*पूर्णिका*
4667.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हमने देखा है हिमालय को टूटते
हमने देखा है हिमालय को टूटते
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
नंबर पुराना चल रहा है नई ग़ज़ल Vinit Singh Shayar
नंबर पुराना चल रहा है नई ग़ज़ल Vinit Singh Shayar
Vinit kumar
Loading...