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20 Feb 2024 · 1 min read

#नज़र #

वो जो चाहिए थी मुझको,
वो एक नज़र थी तुम्हारी,
तुम नज़र भर देखते, और
इक नज़र से संवर जाते हम,

पर, तुमसे ये भी न हुआ कि
तुम ये प्यारा सा गुनाह कर देते
और इस एक अहसान के बदले
हम अपना सब तुम्हारे नाम कर देते,

ऐसा नहीं कि अनजान हो तुम इस बात से
तुम्हारा मुझसे नज़रें चुराना ही सुबूत है इसका,
जबकि तुम्हें भी खबर है इस बात की
कि मेरी रूसवाई का सबब भी तुम हो।

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