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19 Feb 2024 · 1 min read

अब तुझे रोने न दूँगा।

अब तुझे रोने न दूँगा।

छोड़ दे जग साथ तेरा
दुर्दिनों में हाथ तेरा,
दीन, निर्बल, बेसहारा
मैं तुझे होने न दूँगा।
अब तुझे रोने न दूँगा।

राह के चुन शूल सारे
दूँ चमन के फूल सारे,
आँख के मोती विवश
होकर कभी खोने न दूँगा।
अब तुझे रोने न दूँगा।

कर न पाये दर्द आहत
तू रहे खुश एक चाहत,
जिन्दगी को बोझ – सा
होके विवश ढोने न दूँगा।
अब तुझे रोने न दूँगा।

तू मुझे निज पीर दे-दे
अश्रु, दृग के नीर दे-दे,
इन विपद घनघोर के
निष्ठुर चरण धोने न दूँगा।
अब तुझे रोने न दूँगा।

अनिल मिश्र प्रहरी।

Language: Hindi
1 Like · 211 Views
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