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19 Feb 2024 · 1 min read

सवाल

आओ एक सवाल पूछे हम अपने आप से ।
सब कुछ होने के बाद भी क्या हम खुश हैं ,शांत है अपने अंतर्मन मन से ।
क्यों एक बेचैनी सी हरदम रहती है, क्यों पाने के बाद भी पाने की चाह रहती है ।
क्यों हम सब्र नहीं कर पाते, क्यों अपने दिल को समझा नहीं पाते, आओ एक सवाल पूछे हम अपने आप से ।
क्या इसी का नाम प्रगति है ,हम अपने सुख चैन मन की शांति को पीछे छोड़ते जाएं , रिश्ते नातो से दूर होते जाए क्या हम बढ़ नहीं सकते रिश्ते नातो को साथ लेकर , अपने मन का सुकूँ लेकर आओ एक सवाल पूछे हम अपने आप से ।
क्यों अपने मन की वेदना संवेदना एक दूसरे से बाँट नहीं सकते बनाते हैं क्यों फिर पीछे हंसी इसलिए अपना दुख किसी से कह भी नहीं सकते ,क्या बिना स्वार्थ का सच्चा रिश्ता बना नही सकते ।
आओ एक सवाल पूछे हम अपने आप से

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