Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Feb 2024 · 1 min read

कोई ना होता है अपना माँ के सिवा

कोई ना होता है अपना, माँ के सिवा।
मेरी विनती है अम्बे माँ मुझे दर्शन दिखा।।

माँ तू बेटा के, हर बातों को, समझ जाती है
कष्ट होता है, अगर कोई तो, तू बचाती है
भूल होता है अगर कोई तो माफ करती तू
सारे दुखियों का कष्ट पलभर में माँ हरती तू
आज जीवन मैं तेरी, चरणों में अर्पण किया।
कोई ना होता है अपना, माँ के सिवा।।

तेरी चरणों को छोड़, अब ना कहीं जाना है
तेरी चरणों के, धूल में माँ लिपट जाना है
सारी दुनियाँ का एक तूही सहारा जननी
फसी नैया को लगा देती, किनारा जननी
माँ तू बेटा बसंत को ज्ञान, की राहें दिखा।
कोई ना होता है अपना, माँ के सिवा।।

✍️ बसंत भगवान राय
(धुन: चांद तारों में नज़र आए)

Language: Hindi
Tag: गीत
269 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Basant Bhagawan Roy
View all

You may also like these posts

*लेखा सबका रख रहे, चित्रगुप्त भगवान (कुंडलिया)*
*लेखा सबका रख रहे, चित्रगुप्त भगवान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अखबार की खबर कविता
अखबार की खबर कविता
OM PRAKASH MEENA
पेड़ सी सादगी दे दो और झुकने का हुनर डालियों से।
पेड़ सी सादगी दे दो और झुकने का हुनर डालियों से।
Madhu Gupta "अपराजिता"
देश हमारा बदल रहा है /
देश हमारा बदल रहा है /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
चाहता बहुत कुछ
चाहता बहुत कुछ
महेश चन्द्र त्रिपाठी
"हमें छोड़कर बीच में न जाना बाबा"
राकेश चौरसिया
'रिश्ते'
'रिश्ते'
जगदीश शर्मा सहज
जिंदगी में कुछ कदम ऐसे होते हैं जिन्हे उठाते हुए हमें तकलीफ
जिंदगी में कुछ कदम ऐसे होते हैं जिन्हे उठाते हुए हमें तकलीफ
jogendar Singh
विवाह की रस्में
विवाह की रस्में
Savitri Dhayal
ग़ज़ल _ मुकद्दर की पहेली 🥰
ग़ज़ल _ मुकद्दर की पहेली 🥰
Neelofar Khan
* राष्ट्रभाषा हिन्दी *
* राष्ट्रभाषा हिन्दी *
surenderpal vaidya
ये मुख़्तसर हयात है
ये मुख़्तसर हयात है
Dr fauzia Naseem shad
आसू पोछता कोई नहीं...
आसू पोछता कोई नहीं...
Umender kumar
गले लगाया कर
गले लगाया कर
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः। नमो नमस्ते तुल
देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः। नमो नमस्ते तुल
Shashi kala vyas
अगर मांगने से ही समय और प्रेम मिले तो क्या अर्थ ऐसे प्रेम का
अगर मांगने से ही समय और प्रेम मिले तो क्या अर्थ ऐसे प्रेम का
पूर्वार्थ देव
उसे जाने दो
उसे जाने दो
Shekhar Chandra Mitra
झूठी मुस्कुराहटें
झूठी मुस्कुराहटें
Krishna Manshi (Manju Lata Mersa)
ਮਿਲੇ ਜਦ ਅਰਸੇ ਬਾਅਦ
ਮਿਲੇ ਜਦ ਅਰਸੇ ਬਾਅਦ
Surinder blackpen
*संवेदना*
*संवेदना*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
जुदाई
जुदाई
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
पहले आसमाॅं में उड़ता था...
पहले आसमाॅं में उड़ता था...
Ajit Kumar "Karn"
हँसते गाते हुए
हँसते गाते हुए
Shweta Soni
विवशता
विवशता
आशा शैली
" दिखावा "
ज्योति
ମାଟିରେ କିଛି ନାହିଁ
ମାଟିରେ କିଛି ନାହିଁ
Otteri Selvakumar
संस्कार
संस्कार
Dr.Pratibha Prakash
बाल कविता: मदारी का खेल
बाल कविता: मदारी का खेल
Rajesh Kumar Arjun
समझौता
समझौता
Sangeeta Beniwal
Loading...