Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Feb 2024 · 1 min read

वसीयत

वसीयत
वसीयत में
अपने बच्चों को जमीन जायदाद
न देकर
संस्कार दे …
दो भाई अपने प्यार …को भुला कर
सिर्फ जायदाद याद रखते है..
क्या हम सारा जिंदगी सिर्फ
जमीन जायदाद के लिये
दिन रात मेहनत करते हैं..या
अपने बच्चों को दुश्मन बनाने का …
काश हम अपने बच्चों को सिर्फ और सिर्फ
प्यार दे… और एक दूसरे का साथ देना सिखाये…
वक़्त पे जमीन जायदाद नहीं
अपने ही काम आते हैं
💐💐💐😊😊☺️☺️

Language: Hindi
160 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from MEENU SHARMA
View all

You may also like these posts

बड़े अच्छे दिन थे।
बड़े अच्छे दिन थे।
Kuldeep mishra (KD)
प्रिये
प्रिये
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
#घर की तख्ती#
#घर की तख्ती#
Madhavi Srivastava
गीतिका
गीतिका
surenderpal vaidya
सेवा का महिमा
सेवा का महिमा
Mukund Patil
4208💐 *पूर्णिका* 💐
4208💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"एक नज़्म लिख रहा हूँ"
Lohit Tamta
I'm trying to be happy
I'm trying to be happy
VINOD CHAUHAN
स्त्री संयम में तब ही रहेगी जब पुरुष के भीतर शक्ति हो
स्त्री संयम में तब ही रहेगी जब पुरुष के भीतर शक्ति हो
राज वीर शर्मा
कभी मायूस मत होना दोस्तों,
कभी मायूस मत होना दोस्तों,
Ranjeet kumar patre
सोचा था तुम तो-------------
सोचा था तुम तो-------------
gurudeenverma198
दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
sushil sarna
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हृदय द्वार (कविता)
हृदय द्वार (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
यादें उनकी दौड़ कर,आ जाती हैं पास
यादें उनकी दौड़ कर,आ जाती हैं पास
RAMESH SHARMA
चार यार
चार यार
Sakhi
रिश्तों में झुकना हमे मुनासिब लगा
रिश्तों में झुकना हमे मुनासिब लगा
Dimpal Khari
बड़े-बड़े शहरों के
बड़े-बड़े शहरों के
Chitra Bisht
एक और परीक्षा बाकी है।
एक और परीक्षा बाकी है।
Vishnu Prasad 'panchotiya'
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
जाने क्यों भागती है दुनिया खूबसूरती के पीछे।
जाने क्यों भागती है दुनिया खूबसूरती के पीछे।
Annu Gurjar
जिसे रिश्तों की परवाह नहीं वो,,
जिसे रिश्तों की परवाह नहीं वो,,
पूर्वार्थ
नेता राजनीति का चलेगा जब दाव तब
नेता राजनीति का चलेगा जब दाव तब
आकाश महेशपुरी
■हरियाणा■
■हरियाणा■
*प्रणय प्रभात*
मुझको तो स्वाभिमान प्यारा लगता है
मुझको तो स्वाभिमान प्यारा लगता है
Jitendra kumar
भक्त शिरोमणि आप हो,
भक्त शिरोमणि आप हो,
विवेक दुबे "निश्चल"
हम क्यूं लिखें
हम क्यूं लिखें
Lovi Mishra
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ
Dr Archana Gupta
काश थोड़ा सा वक़्त, तेरे पास और होता।
काश थोड़ा सा वक़्त, तेरे पास और होता।
Manisha Manjari
तुझे गुरूर था तेरे पास लाखो दीवाने है।
तुझे गुरूर था तेरे पास लाखो दीवाने है।
Rj Anand Prajapati
Loading...