Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2024 · 1 min read

दोहे

सकल काज की बाते, जग जाहिर न की जाए।
जब तक न हो पूरी, तब तक रखो जग से छुपाए।

Language: Hindi
1 Like · 147 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from manjula chauhan
View all

You may also like these posts

रामचंद्र झल्ला
रामचंद्र झल्ला
Shashi Mahajan
महिला दिवस
महिला दिवस
sheema anmol
अनर्गल गीत नहीं गाती हूं!
अनर्गल गीत नहीं गाती हूं!
Mukta Rashmi
मेरी फितरत ही बुरी है
मेरी फितरत ही बुरी है
VINOD CHAUHAN
4416.*पूर्णिका*
4416.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
स्वभाव मधुर होना चाहिए, मीठी तो कोयल भी बोलती है।।
स्वभाव मधुर होना चाहिए, मीठी तो कोयल भी बोलती है।।
Lokesh Sharma
जिसे भुलाया था वर्षों पहले, वो ख्वाबों में फिर से आ रही है।
जिसे भुलाया था वर्षों पहले, वो ख्वाबों में फिर से आ रही है।
सत्य कुमार प्रेमी
कुछ अजूबे गुण होते हैं इंसान में प्रकृति प्रदत्त,
कुछ अजूबे गुण होते हैं इंसान में प्रकृति प्रदत्त,
Ajit Kumar "Karn"
करता था सम्मान, तभी तक अपना नाता।
करता था सम्मान, तभी तक अपना नाता।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जरा मेरे करीब आकर कोई गजल कहो
जरा मेरे करीब आकर कोई गजल कहो
Jyoti Roshni
" आखिर कब तक ...आखिर कब तक मोदी जी "
DrLakshman Jha Parimal
उन्नति का जन्मदिन
उन्नति का जन्मदिन
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
माँ तेरे रूप अनेक
माँ तेरे रूप अनेक
Neerja Sharma
दिल की गलियों में कभी खास हुआ करते थे।
दिल की गलियों में कभी खास हुआ करते थे।
Phool gufran
सिर्फ विकट परिस्थितियों का सामना
सिर्फ विकट परिस्थितियों का सामना
Anil Mishra Prahari
15)”शिक्षक”
15)”शिक्षक”
Sapna Arora
ख्वाबों की सपनें
ख्वाबों की सपनें
जय लगन कुमार हैप्पी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
''हसीन लम्हों के ख्वाब सजा कर रखें हैं मैंने
''हसीन लम्हों के ख्वाब सजा कर रखें हैं मैंने
शिव प्रताप लोधी
काफ़िर इश्क़
काफ़िर इश्क़
Shally Vij
दोहापंचक. . . . वासना
दोहापंचक. . . . वासना
sushil sarna
दुआ करें
दुआ करें
Shekhar Chandra Mitra
बदलना न चाहने वाले को आप कभी बदल नहीं सकते ठीक उसी तरह जैसे
बदलना न चाहने वाले को आप कभी बदल नहीं सकते ठीक उसी तरह जैसे
पूर्वार्थ
बुंदेली हास्य मुकरियां -राना लिधौरी
बुंदेली हास्य मुकरियां -राना लिधौरी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कल्पनाओं के बीज
कल्पनाओं के बीज
Sakhi
दर्द कितने रहे हों, दर्द कितने सहे हों।
दर्द कितने रहे हों, दर्द कितने सहे हों।
श्याम सांवरा
सुनियोजित व सुव्यवस्थित जीवन की पहली आवश्यकता है प्राथमिकता
सुनियोजित व सुव्यवस्थित जीवन की पहली आवश्यकता है प्राथमिकता
*प्रणय प्रभात*
"ये ग़ज़ल"
Dr. Kishan tandon kranti
पन्नें
पन्नें
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
जिंदगी
जिंदगी
Dr.Priya Soni Khare
Loading...