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16 Feb 2024 · 1 min read

किसान कविता

21वीं सदी का आगमन
भयंकर अकाल की मार से
किसान के सूने हुए खेत खलियान
जिनमे अनाज और हरियाली की जगह
नजर आते हैं सूखी रेत के मैदान
अब वह ऐसा खिन्मन किसान है
जिसकी सुख समृद्धि के
मिट गए निशान है
हर वर्ष भारी पड़ती है किसान को
अनावृष्टि और अतिवृष्टि
दुख होता है जब
कम ही पड़ती है सरकार की दृष्टि

@ओम प्रकाश मीना

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