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16 Feb 2024 · 1 min read

मैं और मेरे प्रभु

मैं मीरा तुम घनश्याम प्रभु।
मैं कलयुग तुम खाटू वाले श्याम प्रभु।।

मैं हीरा तुम हीरो की हो खान प्रभु।
मैं दीपक तुम सूर्यो का हो भान प्रभु।।

मैं द्वापर की गोपीका तुम्हारी।
तुम मेरे हो गोपाल प्रभु।।

मैं द्रोपदी सी सखी तुम्हारी।
तुम लाज बचाते हर बार प्रभु।।

मै त्रेता की शिला अहिल्या।
तुम तारणहारे राम प्रभु।।

मैं सीता तुम रघुनाथ प्रभु।
मैं दुखियारी तुम प्राणों के हो नाथ प्रभु।।

मैं सतयुग की सती तुम्हारी।
तुम कालों के हो काल प्रभु।।

तुम बारंबार हो राह दिखाते।
मैं फिर भी हूं अनजान प्रभु।।

शरणागत की रक्षा करते।
हैं ऐसे दीनानाथ प्रभु।।

ललकार भारद्वाज

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