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14 Feb 2024 · 2 min read

* बाल विवाह मुक्त भारत *

* बाल विवाह मुक्त भारत *

लेखक : डॉ अरुण कुमार शास्त्री – पूर्व निदेशक – आयुष – दिल्ली

बाल विवाह अभिशाप है चाहे छोरी का हो चाहे छो रे का ।
ये कर देता पूरे कुनबे का नास चाहे वर पक्ष का चाहे बधु पक्ष का

बाल विवाह मुक्त भारत कहण ते के ,
बाल विवाह मुक्त भारत हो जावेगा ।

कसूति कोशिश करणी होगी फेर मुकाम पे आवेगा ।
प्रण लेणा होवेगा भाइयों इस खातिर ।

वीर ते ज्यादा मरद की कोशिश चाहवेगी ।
फेर किसे तरिया ये आजादी आवेगी ।

अपणे – अपणे स्वार्थ छोड के दिल कैडा करना होगा ।
बाल विवाह मुक्त भारत हम सब ने करणा होगा ।

छोरा छोरी एक समान हर माणस ने समझना होगा ।
छोरी पढ ले छक के जब उसका व्याह करणा होगा ।

खालो कसम, अठरा से पहले छोरी नहीं व्याही जावेगी ।
देस के हर जण माणस के भीतर यही बात से पहुंचाणी ।

कुछ भी हो ज्या धरती फट जा चाहे कुनवा मिट जावे सारा ।
बालक पण में नहीं करेंगे व्याह , सब वचन भरेंगे हम म्हारा ।

भारत देश की नाक देखलों अब होर नहीं से कटवाणी ।
नर नारी की मेहनत से सब आशा पूरी हो जाणी ।

ढलते – ढलते बुरे दिनों का अंधकार से मिट जावेगा ।
एक नये भारत का सपना पूरा असर दिखावेगा ।

दुश्मन की चाल हम एक नहीं चलने देंगे ।
भारत माता के सपूत हम आन नहीं झुकने देंगे ।

देश की तरक्की के लिए छोरा छोरी के स्वास्थ लाभ के लिए।
शिक्षा सबसे जरूरी है विवाह करने के लिए 21 की उम्र भतेरी है।

देश की शान आज का युवा देश की शक्ति आज का युवा।
यही ला सकता है विकास को मान कर चलिए न कोई रास्ता इसके सिवा।

मंत्र स्वरूप इस बात को स्वीकार कीजिए भारत वासियों।
बाल विवाह न करने का आज अभी ही प्रण लीजिए
देश वासियों।

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