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13 Feb 2024 · 1 min read

आज भी मुझे मेरा गांव याद आता है

आज भी मुझे मेरा गांव याद आता है
फरिश्ते पूरी करनी पड़ती है शहर में रहकर
मैं भले ही शहर में हूं लेकिन मेरा मन गांव में बसता है,

आज भी गांव मेरे ज़हन में बसता है
मुझे मेरा खेत याद आता
जहां मैं माता-पिता के साथ काम किया करता था

गांव के साथी मुझे याद आते हैं
जो हर पल साथ रहा करते थे
आज भी वो पल में ताजा करता हूं,

गांव की सादगी शहर में नहीं मिल पाएगी,
अपनेपन का वह भाव गांव में है जनाब
गांव का खुशनामा पल याद आता है मुझे,

गांव की चलती मधुर हवा
स्वच्छ जल से भरी हुई मटकी
कहां मिलती है शहर में इसकी उपलब्धता,

चलो फिर गांव में आनंदित पल का का इजहार करने
मेरे मन में यह विचार बार-बार उठना है
आज भी मुझे मेरा गांव याद आता है।

प्रवीण सैन, नवापुरा ध्वेचा
बागोड़ा ( जालोर)

Language: Hindi
1 Like · 178 Views
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