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21 Aug 2024 · 2 min read

मेरा विचार आपके साथ

जय श्री देवनारायण जय जय श्री सीता राम नर्मदा मैया की जय
मेरी समाज के सभी सामाजिक बंधुओ को एक मानस की चौपाई लेते हुए प्रणाम करता हूं
सिय राम मय सब जग जानी
करहु प्रणाम जोरी जुग पानी
हमारी समाज शिक्षा जगत के क्षेत्र में तो बच्चो का सम्मान कर रही है जो बहुत ही सराहनीय पहल है जिसकी कभी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी परंतु आज असंभव को भी संभव बना है मेरा मत है कि भविष्य में ये सम्मान भी दिए जाए ताकि समाज में एक नई ऊर्जा और चेतना जागृत हो सके जो की जात पतन की ओर है और लंबी सांसे ले रही है परन्तु बहुत ही नामुमकिन है क्योंकि ऐसे व्यक्ति,ऐसे परिवार,और ऐसा गांव मिल ही नहीं सकता
आइए सोचिए और विचार कीजिए
1.सम्मान होना चाहिए गांव के ऐसे परिवार का जिसमे अभी तक बटवारा ना हुआ हो,दादा दादी चाचा चाची माता पिता सब साथ रह रहे हो
2.सम्मान होना चाहिए ऐसे परिवार का जिसके परिवार के एक भी सदस्य ने मास मदिरा का सेवन न करता हो शादी विवाह,पार्टी में कभी वियर की बोतल हाथ में न थामी हो
3.सम्मान होना चाहिए ऐसे परिवार का जिनके परिवार की बहन बेटियां आज तक छोटे कपड़े,जींस टॉप न पहनती हो अर्थात हमारी समाज की पुरातन सभ्यता न भूली हो
4.समान होना चाहिए ऐसे परिवार का जिसके परिवार में एक भी अनपढ़ न हो अर्थात शिक्षित हो
5.सम्मान होना चाहिए ऐसे परिवार का जिसके किसानी ,मजदूरी, के साथ साथ अन्य रोजगार के धंधे हो
6.सम्मान करना चाहिए ऐसे परिवार का जिसके कम से कम एक दो सदस्य सरकारी नौकरी पर हो
7.सम्मान करना चाहिए ऐसे परिवार का जिसके घर का एक सदस्य कम से कम प्रतिदिन मंदिर जाए तथा जिसके घर में मानस की चौपाई सुनाई दे
8.सम्मान करना चाहिए ऐसे परिवार का जिसके परिवार के सदस्यों की नियत नजर सोच अभी भी जिंदा है
9.सम्मान करना चाहिए ऐसे परिवार का जिसने लड़के की शादी में दहेज न लिया हो
10.सम्मान करना चाहिए ऐसे परिवार का जिसके दो से अधिक बेटियां हो
आपका प्रिय
✍️कृष्णकांत गुर्जर धनौरा

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