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9 Feb 2024 · 1 min read

यूँ ही क्यूँ – बस तुम याद आ गयी

यूँ ही क्यूँ – बस तुम याद आ गयी

जब कभी – सर्दी में बारिश हुई
कुछ बूंदों की फुहार ने
ज्यूँ ही चेहरे को छुआ
ना जाने क्यूँ फिर तुम याद आ गयी

खनकती चूड़ियों का संगीत
तुम्हारे परान्दियों से उड़ती
मोगरे की महक
ना जाने क्यूँ फिर याद आ गयी

कहाँ कहाँ ना भटका ये मन
ढूँढता तुझे

और आज सुबह – सुबह
मेरी खिड़की के बाहर
पत्ते में यूँ ही उलझी
बारिश की उस बूँद में
तेरा अक्श उभर आया

और ना जाने फिर
यूँ ही क्यूँ
बस तुम याद आ गयी

Language: Hindi
235 Views
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