Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2024 · 1 min read

मुझे बेज़ार करने के उसे भी ख़्वाब रहते हैं

मुझे बेज़ार करने के उसे भी ख़्वाब रहते हैं
कि जैसे सामने कश्ती के कुछ गिर्दाब रहते हैं

जिसे देखा गया हो बस गरजने की ही सूरत में
उसी एक अब्र में लिपटे हुए सैलाब रहते हैं

उन्हीं के सामने आती है अक्सर मुश्किलें सारी
वो ही कुछ शख़्स जो सबके लिए बेताब रहते हैं

हमारे साथ रहकर भी हमारे हो नहीं सकते
हमारी बज़्म में ऐसे कई अहबाब रहते हैं
~अंसार एटवी

92 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

"सच्चा संत वही है, जो समाज में शांति और सौहार्द का संचार करत
The World News
तकलीफ इस बात की नहीं है की हम मर जायेंगे तकलीफ इस बात है की
तकलीफ इस बात की नहीं है की हम मर जायेंगे तकलीफ इस बात है की
Ranjeet kumar patre
मुक्तक
मुक्तक
Neelofar Khan
"सुधार"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
मोबाइल
मोबाइल
अवध किशोर 'अवधू'
तू सुन ले मेरे दिल की पुकार को
तू सुन ले मेरे दिल की पुकार को
gurudeenverma198
यूँ ही क्यूँ - बस तुम याद आ गयी
यूँ ही क्यूँ - बस तुम याद आ गयी
Atul "Krishn"
महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि
Neerja Sharma
योगी बनाम संन्यासी
योगी बनाम संन्यासी
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
*रामपुर के गौरवशाली व्यक्तित्व*
*रामपुर के गौरवशाली व्यक्तित्व*
Ravi Prakash
नई नसल की फसल
नई नसल की फसल
विजय कुमार अग्रवाल
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हर एक सांस की क़ीमत चुकाई है हमने
हर एक सांस की क़ीमत चुकाई है हमने
Dr fauzia Naseem shad
मुक्तक – रिश्ते नाते
मुक्तक – रिश्ते नाते
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
अब न रूप न रंग
अब न रूप न रंग
Suryakant Dwivedi
स्त्री की शक्ति
स्त्री की शक्ति
लक्ष्मी सिंह
4062.💐 *पूर्णिका* 💐
4062.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मुक्तक
मुक्तक
Nitesh Shah
हारता वो है
हारता वो है
नेताम आर सी
नहीं होता मुझपे नींद की गोलियों का असर,
नहीं होता मुझपे नींद की गोलियों का असर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रक्त रंजित सा दिखा वो, बादलों की ओट से।
रक्त रंजित सा दिखा वो, बादलों की ओट से।
श्याम सांवरा
वन को मत काटो
वन को मत काटो
Buddha Prakash
स्वाभाविक
स्वाभाविक
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
प्रकृति
प्रकृति
Bodhisatva kastooriya
यादें
यादें
Dr. Rajeev Jain
हर शब्द सिद्धांत
हर शब्द सिद्धांत
संतोष बरमैया जय
Heart Wishes For The Wave.
Heart Wishes For The Wave.
Manisha Manjari
ये सोच कर ही
ये सोच कर ही
हिमांशु Kulshrestha
जश्न
जश्न
Rambali Mishra
Loading...