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9 Feb 2024 · 1 min read

एहसास

मन छाया घनघोर अंधेरा है एहसास
नही होता दिन मे उजाले का एहसास

ख्वाहिशें न रहीं जुस्तजू खत्म हो गई
जिंदा हूं मगर, नही जीने का एहसास

खुशी के पल ठहरेंगे आस पे विश्वास
इंतजार पूरा आयेगें वो ये है एहसास

देखते ही आई चेहरे पे चमक-दमक
अंतरमन जागा उल्लास, है एहसास

न रंज न गम का निशान अब बाकी
हर घड़ी जिंदगी जीने का एहसास

हंसते मुस्कुराते हाल-ए-दिल सुनाते
बेफिक्र रंगीला सफर है ये एहसास

रुखसती के वक्त हो गई आंखे नम
फिर न मिलेंगे बिछड़ने का एहसास

डर कैसा कल से, बीता कल देखा है
नही भूल सकता संघर्ष का एहसास

यथा व्यथा दिल पे गुजरा ये लेखा
कलम से कागज पे उतरा एहसास

स्वरचित
मौलिक
सर्वाधिकार सुरक्षित
अश्वनी कुमार जायसवाल कानपुर
प्रकाशित

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