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8 Feb 2024 · 1 min read

धर्म-कर्म (भजन)

जीवन के है पथ दो आम
राम बताए एक दूजा श्याम
हरे राम राम राम
हरे श्याम श्याम श्याम

कर्म धर्म के घोड़े खींचे
मानव जीवन का यह रथ
साथ साथ जब दौडे दोनो
बढता जाए सही डगर
सही गति पर चलने खातिर
थामे विवेक सही कमान
हरे राम राम राम
हरे श्याम श्याम श्याम

मर्यादा की सीख रघुवर
कर्म का पाठ पढ़ाए गिरधर
धर्म कर्म के दो नैनो से
एक दृष्टि पावे हर नागर
सम दृष्टि जब देखे दुनिया
दूजा कोई ना लगे अजूबा
हरे राम राम राम
हरे श्याम श्याम श्याम

संदीप पांडे”शिष्य” अजमेर

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