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8 Feb 2024 · 1 min read

ये आवारगी

बहुत सुंदर हुआ करती है ये आवारगी ,
हर प्रेमी की पहचान होती है ये आवारगी ।

कुछ पल के लिए कभी गिरा देती है ये आवारगी ,
तो कभी सराखो पर बिठा देती है ये आवारगी ।

कभी खुले जुल्फों के लिए शायरी बुला लेती है ये आवारगी ,
कभी पत्थर को भी पूज्नीय बना देती है ये आवारगी ।

पल भर में खुशियों की सौगात लाती है ये आवारगी ,
कभी नग्न पैरों में भी छाले पड़ा देती है ये आवारगी ।

बारिश की एक बूंद से भी प्यास बुझा देती है ये आवारगी ,
कभी समन्दर के पास भी एक बूंद के लिए भी तरसा देती है ये आवारगी ।

हर मंजिल की शुरुआत होती है ये आवारगी ,
कुछ भी हो बड़ी नादान होती है ये आवारगी ।

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