Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Feb 2024 · 1 min read

एक साक्षात्कार – चाँद के साथ

एक साक्षात्कार – चाँद के साथ

पूछा हमने चाँद से – कुछ सीधा सीधा सवाल
क्यों आसमान नहीं होता रोशन – जब तुम आते हो ?
क्यों झपका – झपका के पलक तारे भी तुमसे पूछते हैं
“क्यों बिखरती है चांदनी तुमसे कोसों दूर धरा पर ?

चाँद का चेहरा मलीन सा हो गया
बादलों की घूँघट से ज़रा सा ओट कर के
हटा आँचल का अपने एक कोना – हौले से उसने ये कहा
‘तुमने भी तो देखा है हमारा एक ही रुख

तुमने देखा ही कहाँ है
मेरे पीछे छुपे युगों से मेरे “काले चाँद” का चेहरा
कभी देखा है के जब भी थोड़ा चमकता हूँ
चाँदनी भागती है लिपटने यूँ धरा से
कभी देखा है के कैसे सागर है उफनता
बार बार – मुझसे यूँ लिपटने ?

पता नहीं है तुमको शायद
बात युगों पहले की है ये
नियति ने अलग किया हमें था जब उस धरा से
तब से आज तक – मौन हो कर बंद अंधेरे में
समेटता हूँ प्रेम अपना एक पक्ष तक
मैं भेजता हूँ चांदनी- जो मेरा “प्रेम-दूत” है
दूर हूँ मैं – पर हर पक्ष मिलने की ख़ुशी में
लिपट के सागर की बाहों से , रोशन धरा को मैं करता हूँ

मूक बैठा रह गया मैं जवाब चाँद का ये
लाजवाब कर गया हमें

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 152 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Atul "Krishn"
View all

You may also like these posts

लगे हैं दूर रह कर घर चलाने में
लगे हैं दूर रह कर घर चलाने में
अरशद रसूल बदायूंनी
संघर्ष की राहों पर जो चलता है,
संघर्ष की राहों पर जो चलता है,
Neelam Sharma
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मेरे पिता क्या है ?
मेरे पिता क्या है ?
रुपेश कुमार
नीर सा मन
नीर सा मन
Manoj Shrivastava
कुछ कहमुकरियाँ....
कुछ कहमुकरियाँ....
डॉ.सीमा अग्रवाल
बचपन के मुस्कुराते जिद्दी चेहरे
बचपन के मुस्कुराते जिद्दी चेहरे
Anant Yadav
चौपाई छंद गीत
चौपाई छंद गीत
seema sharma
सवालिया जिंदगी
सवालिया जिंदगी
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
भारत हमारा
भारत हमारा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*मन के भीतर बसा हुआ प्रभु, बाहर क्या ढुॅंढ़वाओगे (भजन/ हिंदी
*मन के भीतर बसा हुआ प्रभु, बाहर क्या ढुॅंढ़वाओगे (भजन/ हिंदी
Ravi Prakash
कितनी राहें
कितनी राहें
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
" गुब्बारा "
Dr. Kishan tandon kranti
"दीप जले"
Shashi kala vyas
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
जीवन एक संघर्ष ही तो है
जीवन एक संघर्ष ही तो है
Ajit Kumar "Karn"
E certificate kab tak milega
E certificate kab tak milega
भरत कुमार सोलंकी
झरोखे की ओट से
झरोखे की ओट से
अमित कुमार
विसर्जन
विसर्जन
Deepesh Dwivedi
माँ की वसीयत
माँ की वसीयत
Indu Nandal
कच्चे धागों से बनी पक्की डोर है राखी
कच्चे धागों से बनी पक्की डोर है राखी
Ranjeet kumar patre
गीत ग़ज़लों की साक्षी वो अट्टालिका।
गीत ग़ज़लों की साक्षी वो अट्टालिका।
पंकज परिंदा
प्रीतम दोहावली
प्रीतम दोहावली
आर.एस. 'प्रीतम'
■एक ही हल■
■एक ही हल■
*प्रणय प्रभात*
भाव गणित
भाव गणित
Shyam Sundar Subramanian
3186.*पूर्णिका*
3186.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भरोसा
भरोसा
Omee Bhargava
घनाक्षरी- पेड़ की कृपा
घनाक्षरी- पेड़ की कृपा
आकाश महेशपुरी
डमरू घनाक्षरी
डमरू घनाक्षरी
Rambali Mishra
दहेज एक समस्या– गीत।
दहेज एक समस्या– गीत।
Abhishek Soni
Loading...