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7 Feb 2024 · 1 min read

समय की कविता

समय ही है, जो भुला देता है हर जख्म को
समय ही है, जो बुला लेता है हर जख्म को
कहीं ऐसा ना हो
कि तुम ही भूल जाओ समय को।

समय को कभी मत करना अनदेखा
वरना समय लेगा तुम्हारा मज़ा
मत करना बेइज्जती समय की
वरना तुम्हें रोना पड़ेगा ।।

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