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7 Feb 2024 · 1 min read

ये कसूर मेरा है !

परिवार जैसा और परिवार होन में फर्क जरा है ,
हालात बदलतें ही ,
हाथ छोड़ देना शायद तेरी कला है ।
तु बुरा ना मान ,
ये कसूर मेरा है !

अपने झूठे वायदो से तुने मुझे ठगा है ,
सब जानकर भी ,
तुझे मौका देना मेरी खता है ।
किसी की मासूमियत का कत्ल करना ,
वाह ! तेरी क्या अदा है ।
तु बुरा ना मान ,
ये कसूर मेरा है !

अपने स्वार्थ के लिए ,
मतलबीपन दिखाना तेरे लिए मजा है ।
हर बार अपने क्षणिक आनंद के लिए छला है ,
तुने ही तो स्वार्थि होने का प्रमाण दिया है ।
तु बुरा ना मान ,
ये कसूर मेरा है !

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