Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Jan 2024 · 1 min read

यक्षिणी- 26

जमाना इंटरनेट से
रोबोटी डॉल तक
सेक्स सामग्री ले आ चुका
इंटरनेट जहां उभय लिंग का सहचर है
डॉल वहीं अभी महज पुरुषों के काम ही आता

यक्ष के अक्ष से
यक्षिणी के वक्ष का मिलन
प्रतीक्षित ही हो अबतक जैसे!

Language: Hindi
155 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr MusafiR BaithA
View all

You may also like these posts

"तुम भी काश चले आते"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरे प्रभु राम आए हैं
मेरे प्रभु राम आए हैं
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
रूह के अक्स के
रूह के अक्स के
Minal Aggarwal
गमों के बीच मुस्कुराने की आदत डालो।
गमों के बीच मुस्कुराने की आदत डालो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मां महागौरी
मां महागौरी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*वो एक वादा ,जो तूने किया था ,क्या हुआ उसका*
*वो एक वादा ,जो तूने किया था ,क्या हुआ उसका*
sudhir kumar
ये इश्क है
ये इश्क है
हिमांशु Kulshrestha
इन झील सी गहरी आंखों ने
इन झील सी गहरी आंखों ने
Indu Singh
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
5. Tears in God's Eyes
5. Tears in God's Eyes
Santosh Khanna (world record holder)
क्या देखा
क्या देखा
Ajay Mishra
अश'आर
अश'आर
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
बेटी-नामा
बेटी-नामा
indu parashar
🙅बदलाव🙅
🙅बदलाव🙅
*प्रणय प्रभात*
नज़्म
नज़्म
Jai Prakash Srivastav
ख़ुद से बचकर कोई जाए
ख़ुद से बचकर कोई जाए
Dr fauzia Naseem shad
फूलों का बगीचा नदी के उस पार है।
फूलों का बगीचा नदी के उस पार है।
Madhu Gupta "अपराजिता"
3250.*पूर्णिका*
3250.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्रेरक गीत
प्रेरक गीत
Saraswati Bajpai
मेरी प्रेम कहानी फ़क्त सिर्फ इतनी सी रही
मेरी प्रेम कहानी फ़क्त सिर्फ इतनी सी रही
पूर्वार्थ देव
पास आकर मुझे अब लगालो गले ,
पास आकर मुझे अब लगालो गले ,
कृष्णकांत गुर्जर
*जिनसे दूर नहान, सभी का है अभिनंदन (हास्य कुंडलिया)*
*जिनसे दूर नहान, सभी का है अभिनंदन (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बेटी बोली बाबुल  बातें तो सुन लो
बेटी बोली बाबुल बातें तो सुन लो
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हमारे जैसों की समाधि के चौरे पर कोई आकर सुवासित पुष्प क्यों
हमारे जैसों की समाधि के चौरे पर कोई आकर सुवासित पुष्प क्यों
इशरत हिदायत ख़ान
बेशक आजमा रही आज तू मुझको,मेरी तकदीर
बेशक आजमा रही आज तू मुझको,मेरी तकदीर
Vaishaligoel
- वो मुझको फेसबुक पर ढूंढ रही होगी -
- वो मुझको फेसबुक पर ढूंढ रही होगी -
bharat gehlot
प्रकृति! तेरे हैं अथाह उपकार
प्रकृति! तेरे हैं अथाह उपकार
ruby kumari
मां
मां
Durgesh Bhatt
Focus on you for a change.
Focus on you for a change.
पूर्वार्थ
Loading...