Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jan 2024 · 1 min read

तू मेरी हीर बन गई होती – संदीप ठाकुर

तू मेरी हीर बन गई होती
मेरी तक़दीर बन गई होती
रंग गर फैलते न काग़ज़ पे
तेरी तस्वीर बन गई होती
संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur

302 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

2025
2025
*प्रणय*
ज़िन्दगी में सफल नहीं बल्कि महान बनिए सफल बिजनेसमैन भी है,अभ
ज़िन्दगी में सफल नहीं बल्कि महान बनिए सफल बिजनेसमैन भी है,अभ
Rj Anand Prajapati
सपनों का घर
सपनों का घर
Vibha Jain
बरखा रानी
बरखा रानी
डिजेन्द्र कुर्रे
24/247. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/247. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भाई बहन का प्य
भाई बहन का प्य
C S Santoshi
इल्म हुआ जब इश्क का,
इल्म हुआ जब इश्क का,
sushil sarna
एक तरफे इश्क़ के आदि लोग,
एक तरफे इश्क़ के आदि लोग,
ओसमणी साहू 'ओश'
सु धिकी सुगन्ध
सु धिकी सुगन्ध
आशा शैली
सूरत
सूरत
Sanjay ' शून्य'
सत्य की खोज अधूरी है
सत्य की खोज अधूरी है
VINOD CHAUHAN
-:मजबूर पिता:-
-:मजबूर पिता:-
उमेश बैरवा
सरस्वती माता का वंदन
सरस्वती माता का वंदन
Manoj Shrivastava
सच और सोच
सच और सोच
Neeraj Kumar Agarwal
*भीड़ से बचकर रहो, एकांत के वासी बनो ( मुक्तक )*
*भीड़ से बचकर रहो, एकांत के वासी बनो ( मुक्तक )*
Ravi Prakash
ముందుకు సాగిపో..
ముందుకు సాగిపో..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
दोहरा चरित्र
दोहरा चरित्र
Sudhir srivastava
अहंकार
अहंकार
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
ऐ जिन्दगी
ऐ जिन्दगी
Minal Aggarwal
आसान नहीं होता घर से होस्टल जाना
आसान नहीं होता घर से होस्टल जाना
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
हक मिल जाए
हक मिल जाए
संतोष बरमैया जय
दृष्टा
दृष्टा
Shashi Mahajan
नामुमकिन नहीं
नामुमकिन नहीं
Surinder blackpen
हर बार नहीं मनाना चाहिए महबूब को
हर बार नहीं मनाना चाहिए महबूब को
शेखर सिंह
हमनें थोड़ी सी गलती क्या की....................
हमनें थोड़ी सी गलती क्या की....................
$úDhÁ MãÚ₹Yá
The love of a widow (मैथिली कथा)
The love of a widow (मैथिली कथा)
Acharya Rama Nand Mandal
एक generation अपने वक्त और हालात के अनुभव
एक generation अपने वक्त और हालात के अनुभव
पूर्वार्थ
मत्तगयंत सवैया (हास्य रस)
मत्तगयंत सवैया (हास्य रस)
संजीव शुक्ल 'सचिन'
नव वर्ष तुम्हारा स्वागत।
नव वर्ष तुम्हारा स्वागत।
Sushma Singh
करम के नांगर  ला भूत जोतय ।
करम के नांगर ला भूत जोतय ।
Lakhan Yadav
Loading...