Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jan 2024 · 1 min read

गणतंत्र दिवस

कितने वीरों ने बलिदान दिए, कितनों ने अपनी ज़ान गवाईं थी।
तब कहीं जाकर देश ने वर्षों में, अपनी आज़ादी की ख़ुशी मनाई थी।।
सन् 50 में संविधान जो लिखा गया था, आज के दिन ही देश में लागू किया गया था।
और आज के दिन को सबकी सहमति से,गणतंत्र दिवस के रूप में चुना गया था।।
संविधान से ही वर्षों से देश में देश, और राज्यों की सरकारें भी चुनी जाती हैं।
जो नागरिकों को लोकतांत्रिक तरीक़े से देश में जीने का अधिकार दिलाती हैं।।
दिन था ऐतिहासिक इसलिए हर वर्ष इसे हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।
करके याद बलिदानियों को वीर सपूतों को मिलकर श्रद्धा के सुमन चढ़ाते हैं।।
डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने ले के सलामी, देश को पूर्ण गणतंत्र राष्ट्र का दर्जा दिया।
और देश के बच्चे बच्चे ने 26 जनवरी को, गणतंत्र दिवस के रूप में स्वीकार किया।।
कहे विजय बिजनौरी सबको मिलकर देश के संविधान को सर्वोपरि बनाना है।
कर उपयोग मतों का अपने अपने देश से वंशवाद और जातिवाद को ख़त्म कराना है।।
हर बच्चे के दिल में देशप्रेम का अलख और देशभक्ति का जज़्बा हमें जगाना है।
हर साल उठाकर क़सम संविधान की आज के दिन ही अखंड भारत पर भी तिरंगा लहराना है।।

विजय कुमार अग्रवाल
विजय बिजनौरी

Language: Hindi
187 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from विजय कुमार अग्रवाल
View all

You may also like these posts

शराब
शराब
विशाल शुक्ल
उसने विडियो काल किया था मुझे
उसने विडियो काल किया था मुझे
Harinarayan Tanha
जिद है कुछ पाने की
जिद है कुछ पाने की
AMRESH KUMAR VERMA
3428⚘ *पूर्णिका* ⚘
3428⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
इंसान
इंसान
Ram Krishan Rastogi
* सामने बात आकर *
* सामने बात आकर *
surenderpal vaidya
*भीतर के राज आजकल गाती कचहरी (हिंदी गजल)*
*भीतर के राज आजकल गाती कचहरी (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
बरसात की वो मनहूस रात ( अमर गायक स्व मोहम्मद रफी साहब की की याद में)
बरसात की वो मनहूस रात ( अमर गायक स्व मोहम्मद रफी साहब की की याद में)
ओनिका सेतिया 'अनु '
राहें थी अलग, पर नजाने क्यों दिल के तान बज गए,
राहें थी अलग, पर नजाने क्यों दिल के तान बज गए,
श्याम बाबू गुप्ता (विहल)
तुम गए कहाँ हो 
तुम गए कहाँ हो 
Amrita Shukla
हालात
हालात
Phool gufran
(कहानी)
(कहानी) "सेवाराम" लेखक -लालबहादुर चौरसिया लाल
लालबहादुर चौरसिया लाल
चमत्कारी नेताजी।
चमत्कारी नेताजी।
Kumar Kalhans
अब ना हार मानेंगे...
अब ना हार मानेंगे...
भगवती पारीक 'मनु'
यह आशामय दीप
यह आशामय दीप
Saraswati Bajpai
कभी मोहब्बत के लिए मरता नहीं था
कभी मोहब्बत के लिए मरता नहीं था
Rituraj shivem verma
"अवमानना"
Dr. Kishan tandon kranti
🙅इत्ता सा अंतर🙅
🙅इत्ता सा अंतर🙅
*प्रणय प्रभात*
स्वर्णमुखी छंद
स्वर्णमुखी छंद
Rambali Mishra
जीवन इच्छा
जीवन इच्छा
Sudhir srivastava
पुष्प सम तुम मुस्कुराओ तो जीवन है ।
पुष्प सम तुम मुस्कुराओ तो जीवन है ।
Neelam Sharma
विज्ञान दृश्य पर निर्भर है आध्यात्मिक द्रष्टा पर, विज्ञान कु
विज्ञान दृश्य पर निर्भर है आध्यात्मिक द्रष्टा पर, विज्ञान कु
Ravikesh Jha
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
तू अपना सफ़र तय कर -कविता
तू अपना सफ़र तय कर -कविता
Dr Mukesh 'Aseemit'
जिसके पास ज्ञान है,
जिसके पास ज्ञान है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तुम्हारे  इन्तज़ार में ........
तुम्हारे इन्तज़ार में ........
sushil sarna
"रिश्तों में खटास पड रही है ll
पूर्वार्थ
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
संकट मोचन हनुमान जी
संकट मोचन हनुमान जी
Neeraj Kumar Agarwal
गुज़ारिश है रब से,
गुज़ारिश है रब से,
Sunil Maheshwari
Loading...