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27 Jan 2024 · 1 min read

ग़ज़ल

सलामी दें तिरंगे को हमें ये जान से प्यारा
ज़मीं इसकी गगन इसका सभी आँखों का ये तारा/1

नहीं हिम्मत किसी की है उठाकर आँख जो देखे
चटा दें धूल पल में हम कोई दुश्मन जो ललकारा/2

ये हिंदुस्तान की धरती हमें इससे मुहब्बत है
बचाएँ लाज इसकी हम बहाकर ख़ून की धारा/3

दमक आवाज़ में इतनी पसीने दुश्मन के छूटें
हमारे जोश को दुनिया ने समझा और स्वीकारा/4

शहीदों को नमन करलें चलें उनकी ही राहों पर
दी आज़ादी हमें हँसके लुटा जीवन हसीं सारा/5

कहें जयहिंद दिल से आज भारत की क़सम हमको
रहे ऊँची तिरंगा शान दिल में हो यही नारा/6

जवानी नव कहानी नव रवानी नव लिखेंगे हम
बजे जग में सदा भारत फ़सानों का ही इकतारा/7

आर. एस. ‘प्रीतम’

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