Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jan 2024 · 1 min read

” सुन कोरोना ! ”

सुन कोरोना ! जब तु आया था ,
सब के मन में डर समाया था ।

ना तु अपना है ना तु पराया है ,
तु तो बस एक साया है ।
छोटी छोटी गलतियां हमारी तुने याद दिलाया है ,
दुनिया के इतिहास में सिर्फ अपना नाम दर्ज़ कराने आया है ।

आज नहींं तो कल ,
एक दिन तो तेरा नामो – निशां मिट जाएगा ।
तेरी वैक्सिंग ढूढ़ कर ,
कोई वैज्ञानिक तो अपना नाम अमर कर जाएगा ।

धन्यवाद

ज्योति

Language: Hindi
1 Like · 166 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ज्योति
View all

You may also like these posts

....राम के जैसे संघर्ष पथ पर चलना होगा..
....राम के जैसे संघर्ष पथ पर चलना होगा..
rubichetanshukla 781
ऐसी आभा ऐसी कांति,
ऐसी आभा ऐसी कांति,
श्याम सांवरा
तुम बिन
तुम बिन
ललकार भारद्वाज
गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान 🇮🇳
गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान 🇮🇳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
न पाने का गम अक्सर होता है
न पाने का गम अक्सर होता है
Kushal Patel
खामोशियाँ
खामोशियाँ
विजय कुमार अग्रवाल
4480.*पूर्णिका*
4480.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"प्रेम कर तू"
Dr. Kishan tandon kranti
#मज़दूर
#मज़दूर
Dr. Priya Gupta
क्या होता जो इस दुनिया में गम न होता
क्या होता जो इस दुनिया में गम न होता
Girija Arora
एक पीर उठी थी मन में, फिर भी मैं चीख ना पाया ।
एक पीर उठी थी मन में, फिर भी मैं चीख ना पाया ।
आचार्य वृन्दान्त
ग़ज़ल _ मांगती इंसाफ़ जनता ।
ग़ज़ल _ मांगती इंसाफ़ जनता ।
Neelofar Khan
"जो सब ने कहा, जो जग ने कहा, वो आपने भी दोहरा दिया तो क्या ख
*प्रणय प्रभात*
जो घटनाएं घटित हो रही हैं...
जो घटनाएं घटित हो रही हैं...
Ajit Kumar "Karn"
किताबें सुन रही थी
किताबें सुन रही थी
Jitendra kumar
जन्मदिन का तोहफा**
जन्मदिन का तोहफा**
Bindesh kumar jha
" फेसबूक फ़्रेंड्स "
DrLakshman Jha Parimal
क्युं बताने से हर्ज़ करते हो
क्युं बताने से हर्ज़ करते हो
Shweta Soni
जन्म से मरन तक का सफर
जन्म से मरन तक का सफर
Vandna Thakur
किस तरफ़ शोर है, किस तरफ़ हवा चली है,
किस तरफ़ शोर है, किस तरफ़ हवा चली है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जहां आस्था है वहां प्रेम है भक्ति है,
जहां आस्था है वहां प्रेम है भक्ति है,
Ravikesh Jha
कुंती का भय
कुंती का भय
Shashi Mahajan
''हम मिलेंगे ''
''हम मिलेंगे ''
Ladduu1023 ladduuuuu
मैं औपचारिक हूं,वास्तविकता नहीं हूं
मैं औपचारिक हूं,वास्तविकता नहीं हूं
Keshav kishor Kumar
ज़ब जीवन मे सब कुछ सही चल रहा हो ना
ज़ब जीवन मे सब कुछ सही चल रहा हो ना
शेखर सिंह
*अध्याय 10*
*अध्याय 10*
Ravi Prakash
I think about decisions in three ways: hats, haircuts, and t
I think about decisions in three ways: hats, haircuts, and t
पूर्वार्थ
पतझड़ मे एक दर्द की
पतझड़ मे एक दर्द की
अमित कुमार
ग़ज़ल (गुलों से ले आना महक तुम चुरा कर
ग़ज़ल (गुलों से ले आना महक तुम चुरा कर
डॉक्टर रागिनी
Jeewan
Jeewan
Gunjan Sharma
Loading...