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26 Jan 2024 · 1 min read

श्री राम जी अलौकिक रूप

अद्भुत अलौकिक अनुपम,है माता का रूप
भू-,धरा से निकल पड़ी, चमत्कार रही खुब।

अद्भुत अलौकिक अनुपम,सिया राम के रूप
आदि ब्रह्म विराट रूप, अनुभव किया द्वी भुप

अवधपुरी और जनक पुरी,मगन भए सब लोग
मानस रोग मिटे मन से , सुखी रहें सब लोग।

दैहिक दैविक भौतिक तापा,
राम राज्य काहु ना ब्यापा।।
जग जननी जनक दुलारी
हर्षित भए नगर नर नारी।।

अद्भुत अलौकिक अनुपम,छटा बिखेरी खुब।
आनन्द भए जन जन मन में, सिया राम के रूप।।

सिया राम है पुर्ण ब्रह्म, अखिल ब्रह्माण्ड नायक

सृष्टि जगत को देने वाले,सुख शांति समृद्धि दायकल्

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