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24 Jan 2024 · 1 min read

ईश्क अतरंगी

रंग तेरे चहरें का जो लाल है
वो मेरा ईश्क ए गुलाल है
जो हो जाये ये गुलाबी
बिन पिये ही हो जाऊ शराबी
पीला तो क्या खुब जचता है
मन तेरे लिये ही मचलता है
हरा भी तुझ पर सुनहरा है
बस तुझ पर ही दिल ठहरा है
सब रंगो में तु सतरंगी है
तु मेरा ईश्क अतरंगी है।

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