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23 Jan 2024 · 1 min read

कटघरे में कौन?

कटघरे में कौन?
वो कटघरे में खड़ा खामोश है,
निकम्मे तंत्र का मारा निर्दोष है।
क्या खूब है कुर्सी की महिमा,
वहाँ पे कहाँ किसी को होश है।
कोई खुलकर बोलता कहाँ है,
अब किसमें मर मिटने का जोश है?
-डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति

6 Likes · 5 Comments · 221 Views
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