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23 Jan 2024 · 1 min read

हे मन

हे मन, तुमको कैसे कौन,

पल-पल समझें ?

धड़क धड़क करता

ये है हमारी धड़कन…..

विचारों के समुंदर में डुबा,

सपनों की ख्वाबों में निभोर,

हाथों में उम्मीदों का दीपक,

दिल में आस्था की धागा भिगोए।

हे मन, तुमको कैसे कौन,

पल-पल समझें ….

सदैव मेरे कानों में बजती

दरवाज में कोई दस्तक देता,

कदमों की आहट धक धक,

हे मन, तुमको कैसे कौन,

पल-पल समझें ….

रात की अंधेरे में भी एक प्रकाश,

अमावस्या में चांद का ओझल,

क्षितिज में भानु का मुस्कुराना,

हे मन, तुमको कैसे कौन,

पल-पल समझें ….

धड़क धड़क करता

ये है हमारी धड़कन।

गौतम साव

Language: Hindi
147 Views
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