Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jan 2024 · 1 min read

मुद्दतों बाद फिर खुद से हुई है, मोहब्बत मुझे।

सफर तन्हाईयों का, बेइंतिहां सुकूं देता है मुझे,
कदम अपने मेरे साथ, तुम बढ़ाया ना करो।
बेहोश जज़्बातों में घुलकर, साँसें चलती हैं मेरी,
होश की छींटों से मेरे एहसास, तुम भिंगोया ना करो।
इठलाती सी वो हवा ठहरती है, खिड़कियों पर मेरी,
बेवजह गिरे पर्दों को, तुम हटाया ना करो।
वो गुमशुम चांदनी अलाव जलाये बुलाती है मुझे,
ढ़ेर लकड़ियों का यूँ हीं, तुम लगाया ना करो।
जुगनूओं ने रोशन कर रखें हैं, शामों को मेरे,
देहलीज पर मेरी दीये, तुम जलाया ना करो।
आसमां ने रंग बिखेरे है, दामन पर मेरे,
रंगरेज से मेरी चुनर, तुम रंगवाया ना करो।
बरसती हैं ओस की बूंदें, आंसुओं संग मेरे,
मेरे अश्कों में आँखें अपनी, तुम डुबाया ना करो।
बेचैनियों में हीं, चैन का सबब मिलता है मुझे,
ख़ामख़ाह अपने दिल को, तुम तड़पाया ना करो।
खुली आँखों की जायज़ सच्चाईयाँ, लुभाती है मुझे,
ख़्वाबों का तिलिस्मी बाजार, तुम लगाया ना करो।
मुद्दतों बाद फिर खुद से हुई है, मोहब्बत मुझे,
फिजाओं में अपनी मोहब्बत की अफवाह, तुम फैलाया ना करो।

243 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Manisha Manjari
View all

You may also like these posts

चुनाव और विकास
चुनाव और विकास
SURYA PRAKASH SHARMA
चंद प्रश्न
चंद प्रश्न
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
रिश्ता भाई बहन का
रिश्ता भाई बहन का
Harshita Choubisa
!..........!
!..........!
शेखर सिंह
"हालात"
Dr. Kishan tandon kranti
ख़्वाहिशें अपनी-अपनी, मंज़िलें अपनी-अपनी--
ख़्वाहिशें अपनी-अपनी, मंज़िलें अपनी-अपनी--
Shreedhar
*विरोधाभास*
*विरोधाभास*
Pallavi Mishra
*वो नीला सितारा* ( 14 of 25 )
*वो नीला सितारा* ( 14 of 25 )
Kshma Urmila
"मेरी प्यारी दादी माँ "
CA Amit Kumar
न जाम बना न मयकदा जो बुझा सका हो मेरी प्यास
न जाम बना न मयकदा जो बुझा सका हो मेरी प्यास
Pramila sultan
ज़िन्दगी को वैसे तो यहाँ
ज़िन्दगी को वैसे तो यहाँ
Dr fauzia Naseem shad
..
..
*प्रणय प्रभात*
!! युवा मन !!
!! युवा मन !!
Akash Yadav
व्यावहारिक सत्य
व्यावहारिक सत्य
Shyam Sundar Subramanian
ग़ज़ल __तेरी य़ादें , तेरी बातें , मुझे अच्छी नहीं लगतीं ,
ग़ज़ल __तेरी य़ादें , तेरी बातें , मुझे अच्छी नहीं लगतीं ,
Neelofar Khan
तुम भी जनता मैं भी जनता
तुम भी जनता मैं भी जनता
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दीप दीवाली का
दीप दीवाली का
कुमार अविनाश 'केसर'
3048.*पूर्णिका*
3048.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*रोटी की तलाश में बेटे, कोसों दूर हुए (हिंदी गजल)*
*रोटी की तलाश में बेटे, कोसों दूर हुए (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
कब तक अंधेरा रहेगा
कब तक अंधेरा रहेगा
Vaishaligoel
बहार...
बहार...
sushil sarna
हैं हमारे गुरू
हैं हमारे गुरू
राधेश्याम "रागी"
I don't need any more blush when I have you cuz you're the c
I don't need any more blush when I have you cuz you're the c
Chaahat
हरे की हार / मुसाफ़िर बैठा
हरे की हार / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
"गमलों की गुलामी में गड़े हुए हैं ll
पूर्वार्थ
दुमदार दोहे
दुमदार दोहे
seema sharma
Partnership Deed
Partnership Deed
विक्रम सिंह
अबाध गति से गतिमान, कालचक्र चलता रहता है
अबाध गति से गतिमान, कालचक्र चलता रहता है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
एक ही ज़िंदगी में कई बार मरते हैं हम!
एक ही ज़िंदगी में कई बार मरते हैं हम!
Ajit Kumar "Karn"
कली से खिल कर जब गुलाब हुआ
कली से खिल कर जब गुलाब हुआ
नेताम आर सी
Loading...